पंजाब में बाढ़ से हालात भयावह, 14 जिलों में हालत गंभीर, 1,018 गांव जलमग्न, सेना-वायुसेना, NDRF बचाव कार्य में जुटे
पंजाब में 1,018 गांव हैं बाढ़ की चपेट में हैं, और 1.9 लाख एकड़ से अधिक कृषि भूमि जलमग्न है।

पंजाब में पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सतलुज, ब्यास और रवि नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंचा गयाहै। इसने न केवल हजारों गांवों को जलमग्न किया है, बल्कि इसकी वजह से लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। राहत-बचाव कार्य अब भी युद्धस्तर जारी है।
पठानकोट (मधौपुर बांध): NDRF और एयर फोर्स हेलीकॉप्टरों की मदद से ढहे हुए बांध के मलबे के पास फंसे एक व्यक्ति को हाई-रिस्क रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए सुरक्षित निकाला गया।
गुरदासपुर (ढांगई गांव): आर्मी खड़गा कोर सैपार्स ने चार दिनों तक पानी में फंसी एक C-सेक्शन के बाद हुई एक महिला और उसके 15-दिन के नवजात शिशु को नाव व सेना वाहन से सुरक्षित निकालकर फैतेहगढ़ चूरियन में रिश्तेदारों से मिलाया गया।
होशियारपुर जिला (पोंग बांध): खतरे के निशान से ऊपर पानी बढ़ने के कारण पोंग बांध के कई गेट खोले गए, जिससे वहां बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई।
बाढ़ से हालात भयावह
पंजाब में 1,018 गांव हैं बाढ़ की चपेट में हैं, और 1.9 लाख एकड़ से अधिक कृषि भूमि जलमग्न है।
14 जिलों में व्यापक नुकसान, जिनमें गुरदासपुर, कपूरथला, फिरोजपुर, पठानकोट, होशियारपुर और फाजिल्का शामिल हैं।
राहत अभियानों में 11,330 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए, जिनमें से 4,711 लोग सिर्फ पिछले 24 घंटों में बचाए गए हैं।
323 गांव (गुरदासपुर) में 26,000 से अधिक निवासी प्रभावित, जिनके लिए 23 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां भोजन, राशन और चिकित्सा सहायता दी जा रही है।
सेना, वायुसेना, NDRF बचाव कार्य में जुटे
सेना ने एटीओआर एन1200 एम्फीबियस व्हीकल्स तैनात किए, जो गहराई वाले और चुनौतीपूर्ण इलाके में फंसे लोगों को बचाने में सक्षम हैं।
IAF और सेना द्वारा हेलीकॉप्टर बचाव ऑपरेशन: पठानकोट में फंसे आम लोगों और सीआरपीएफ कर्मियों को सुरक्षित निकाला गया, जबकि NDRF ने जेबी विद्यालय, डाबुरी (गुरदासपुर)में फंसे 381 छात्रों और 70 शिक्षकों को बचाया।
विभागीय प्रयास: स्थानीय प्रशासन, NDRF, BSF, और NGOs जैसे SGPC ने राहत शिविर, राशन, पानी, और दवाईयों का वितरण किया
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