पीएम ने अभी तक नहीं दिया किसानों के पत्र का जवाब, किसान मोर्चा का ऐलान- आंदोलन जारी रखने को मजबूर कर रही सरकार

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि किसानों की तरफ से प्रधानमंत्री को लिखे पत्र का अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। इस पत्र में किसानों ने अपनी बाकी मांगों का मुद्दा उठाया था। किसानों ने कहा है कि सरकार इस तरह किसानों को आंदोलन जारी रखने के लिए मजबूर कर रही है।

फाइल फोटो
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नवजीवन डेस्क

कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद ही संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने एमएसपी सहित अपनी बाकी 6 मांगों को पूरा करने का आग्रह किया था। लेकिन मोर्चा को अभी तक इस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला है। संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को कहा कि ऐसे में किसानों को आंदोलन जारी रखने के लिए मजबूक किया जा रहा है।

किसान मोर्चा कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्य डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि पीएम को जो पत्र लिखा गया था उनमें 6 मुद्दे उठाए गए थे। इनमें प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग भी थी। उन्होंने कहा कि खासतौर से बीजेपी शासित राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में हजारों किसानों के खिलाफ सैकड़ों बेबुनियाद और झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इन्हें वापस लेने की मांग की गई थी।

ध्यान रहे कि सिर्फ किसानों का आंदोलन सिर्फ दिल्ली की सीमाओंं पर ही नहीं चल रहा है बल्कि अन्य राज्यों और हिमाचल प्रदेश आदि में भी किसानों के मोर्चों पर आंदोलन जारी है।

डॉ दर्शन पाल ने कहा कि सरकार के रुख से लगता है कि वह किसानों को आंदोलन जारी रखने के लिए मजबूर कर रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकारें और बीजेपी नेता केंद्र के आदेश-निर्देश का इंतजार कर रही हैं। ऐसे में यह जिम्मेदारी केंद्र की है वह किसानों की बाकी मांगों पर कार्यवाही करे।

किसान नेता ने कहा कि हाल ही में यूपी के बीजेपी विधायक रोमी शाहनी अपनी ही सरकार पर किसानों की मांगों के लिए दबाव डाला है। ध्यान रहे कि बीजेपी विधायक शाहनी का रोते हुए वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे किसानों के गन्ना बकाए का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं।

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