सबरीमाला पर बोलीं स्मृति ईरानी, ‘पीरियड का पैड लेकर क्या जाता है कोई दोस्त के घर?’

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बयान की सोशल मीडिया पर काफी तीखी आलोचना हो रही है। लोगों का कहना है कि उन्होंने एक मंत्री होते हुए देश की सर्वोच्च न्यायपालिका के फैसले पर उंगली उठाई और खुद एक महिला होने के बावजूद महिलाओं के अधिकारों से जुड़े एक मसले पर ऐसी नकारात्मक प्रतिक्रिया दी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने एक विवादित बयान दिया है। हालांकि, उन्होंने बयान देने से पहले यह जरूर कहा कि मुझे सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कुछ नहीं कहना है क्योंकि मैं एक केंद्रीय मंत्री हूं। लेकिन, वे बयान देने से खुद को रोक नहीं पाईं और एक तरह से सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना करते हुए कहा, “क्या आप मासिक धर्म के दौरान खून से सना सैनिटरी नैपकिन लेकर अपनी दोस्त के घर जाएंगी? नहीं ना, तो क्या ये सही होगा कि आप उसे भगवान के घर लेकर जाएं?” उन्होंने कहा, “मुझे पूजा करने का अधिकार है लेकिन अपवित्र करने का अधिकार नहीं है।”

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के इस बयान की सोशल मीडिया पर काफी तीखी आलोचना हो रही है। लोगों का कहना है कि उन्होंने एक मंत्री होते हुए देश की सर्वोच्च न्यायपालिका के फैसले पर उंगली उठाई और खुद एक महिला होने के बावजूद महिलाओं के अधिकारों से जुड़े एक मसले पर ऐसी नकारात्मक प्रतिक्रिया दी।

अपने बयान पर विवाद को बढ़ता देख स्मृति ईरानी ने सफाई देते हुए पहले कही बात ही दोहरा दी।

बता दें कि पांच सदस्यों वाली संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत से फैसला सुनाया था कि सबरीमाला मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी जाए। लेकिन कोर्ट के इस फैसले को लागू कराने में काफी कठिनाई आ रही है। लोगों का एक समूह इसका विरोध कर रहा है।

नेदुम्परा राष्ट्रीय अयप्पा श्रद्धालु संगठन ने इसे लेकर पुनर्विचार याचिका भी दाखिल की है जिस पर सुप्रीम कोर्ट 13 नवंबर को सुनवाई करेगा।

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Published: 23 Oct 2018, 5:10 PM