सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस: बॉम्बे हाई कोर्ट ने डीजी वंजारा की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका की खारिज

सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा था कि गुजरात के संदिग्ध गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी को गुजरात एटीएस और राजस्थान पुलिस के अधिकारियों ने हैदराबाद के पास से अगवा कर लिया था और उन्हें नवंबर 2005 में एक फर्जी मुठभेड़ में मार दिया था।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में एक अहम फैसला सुनाते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने डीजी वंजारा समेत गुजरात और राजस्थान के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। 2005-06 में गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख, उसकी पत्नी और सहयोगी को एनकाउंटर में मार दिया गया था। इस मुठभेड़ पर फर्जी होने के आरोप लगे थे और इस मामले में गुजरात और राजस्थान के कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर शामिल होने का शक था।

सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा था कि गुजरात के संदिग्ध गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी को गुजरात एटीएस और राजस्थान पुलिस के अधिकारियों ने हैदराबाद के पास से अगवा कर लिया था और उन्हें नवंबर 2005 में एक फर्जी मुठभेड़ में मार दिया था। सीबीआई ने यह भी दावा किया था राजस्थान पुलिस के कुछ अधिकारियों ने गुजरात और राजस्थान के अधिकारियों के इशारे पर प्रजापति को भी दिसंबर 2006 में अन्य फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था। जिन अधिकारियों ने प्रजापति को मारने के निर्देश दिए थे वे सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी की हत्या में भी शामिल थे।

इस मामले में एक निचली अदालत ने आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया था। उस फैसले को बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती देने वाली पांच याचिकाओं पर जस्टिस एएम बदर की पीठ ने 16 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट के आज के फैसले के बाद सभी अधिकारियों की रिहाई पर मुहर लग गई है।

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