बिहार की जनता के नाम सोनिया गांधी का संदेश, बोलीं- बदलाव की बयार है, नए बिहार के लिए हों एकजुट, महागठबंधन को जिताएं

सोनिया गांधी ने कहा कि बिहार के हाथों में गुण है, हुनर है, ताकत है, निर्माण की शक्ति है, लेकिन बेरोजगारी, पलायन, महंगाई, भुखमरी ने उनकी आंखों में आंसू और पैरों में छाले दे दिए हैं। जो शब्द कहे नहीं जा सकते, उसे आंसुओं से कहना पड़ता है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बिहार की जनता के नाम एक वीडियो संदेश जारी किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने वीडियों संदेश में कहा, बिहार के मेरे प्यारे भइयों और बहनों, बिहार की पवित्र और ऐतिहासिक धरती को मैं नमन करती हूं। आज बिहार में सत्ता और उसके अहंकार में डूबी सरकार अपने रास्ते से अलग हट गई है। ना उनकी करनी अच्छी है, ना कथनी। मजदूर आज मजबूर है। किसान आज परेशान है। नौजवान आज निराश है। अर्थव्यवस्था की नाजुक स्थिति लोगों के जीवन पर भारी पड़ रही है। धरती के बेटों पर आज गंभीर संकट है। दलितों और महादलितों को बेहाली की कगार पर लाकर छोड़ दिया गया है। समाज के पिछड़े वर्ग भी इसी बदहाली के शिकार हैं।”

सोनिया गांधी ने कहा, “बिहार की जनता की आवाज कांग्रेस महागठबंधन के साथ है। यही है आज बिहार की पुकार। दिल्ली और बिहार की सरकारें, ‘बंदी सरकारें’ हैं - नोटबंदी, तालाबंदी, व्यापारबंदी, आर्थिकबंदी, खेत-खलिहान बंदी, रोटी-रोजगार बंदी। इसीलिए, बंदी सरकार के खिलाफ - अगली नस्ल और अगली फसल के लिए, एक नए बिहार के निर्माण के लिए, बिहार की जनता तैयार है। अब बदलाव की बयार है। क्योंकि बदलाव जोश है, ऊर्जा है, नई सोच है और शक्ति है। अब नई इबारत लिखने का समय आ गया है।”


उन्होंने कहा, “बिहार के हाथों में गुण है, हुनर है, ताकत है, निर्माण की शक्ति है, लेकिन बेरोजगारी, पलायन, महंगाई, भुखमरी ने उनकी आंखों में आंसू और पैरों में छाले दे दिए हैं। जो शब्द कहे नहीं जा सकते, उसे आंसुओं से कहना पड़ता है। भय, डर, खौफ, अपराध के आधार पर नीति और सरकारें खड़ी नहीं की जा सकतीं।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “बिहार भारत का आईना है, एक आशा है। भारत का विश्वास है, जोश है, जुनून है। बिहार भारत की शान भी है और अभिमान भी। बिहार के किसान, युवा, मजदूर, भाई और बहनें सिर्फ बिहार में नही बल्कि पूरे भारत और दुनिया के कोने कोने में हैं। आज वही बिहार अपने गांव, कस्बे, शहरों, खेतों और खलिहानों में अपनी शान और भविष्य के लिए नए बदलाव को तैयार है। इसीलिए तो मैंने कहा कि बदलाव की बयार है।”


उन्होंने आगे कहा, “वोट की स्याही वाली उंगली अब सवाल लेकर खड़ी है। सवाल बेरोजगारी का है। सवाल खेती बचाने का है। सवाल रोटी और रोजगार का है। सवाल शिक्षा और सेहत का है। सवाल उद्योग-धंधे का है। सवाल बेलगाम अपराध पर रोक लगाने का है। सवाल तानाशाही शासन पर है। इसलिये आज वक्त है - अंधेरे से उजाले की ओर, झूठ से सच की ओर, वर्तमान से भविष्य की ओर बढ़ने का। ज्ञान की धरती कहे जाने वाले बिहार की जनता से मेरी अपील है कि वो महागठबंधन के उम्मीदवारों को वोट दें और नए बिहार का निर्माण करें।”

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