दिल्ली की हालत शर्मनाक, प्रदूषण पर सख्त एक्शन ले सरकार, हम समर्थन के लिए तैयार: प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी ने पीएम के संबोधन में 'ड्रामा' को लेकर निशाना साधा और कहा कि पार्लियामेंट में ज़रूरी पब्लिक मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना ड्रामा नहीं है। ड्रामा का मतलब है पब्लिक के लिए ज़रूरी मुद्दों पर डेमोक्रेटिक चर्चा न होने देना।

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत आज से हो चुकी है। सदन में पहले दिन ही हंगामा देखने को मिला। इस बीच कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी ने संसद सत्र में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग दोहराई। उन्होंने दिल्ली के प्रदूषण को गंभीरता से लेने और उसके निवारण के लिए युद्धस्तर पर काम करने की मांग की। प्रियंका गांधी ने पीएम के संबोधन में 'ड्रामा' को लेकर निशाना साधा और कहा कि पार्लियामेंट में ज़रूरी पब्लिक मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना ड्रामा नहीं है। ड्रामा का मतलब है पब्लिक के लिए ज़रूरी मुद्दों पर डेमोक्रेटिक चर्चा न होने देना।
प्रियंका गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "संसद सत्र में एसआईआर, प्रदूषण जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। एसआईआर का मुद्दा काफी महत्वपूर्ण है। यह लोकतंत्र के लिए काफी अहम है। एसआईआर की प्रक्रिया में क्या चीजें हो रही हैं? चाहे चुनाव की स्थिति हो या एसआईआर, ये देश के लिए बहुत बड़े मुद्दे हैं। इन पर चर्चा करनी चाहिए न कि कोई ड्रामा।"
दिल्ली के प्रदूषण पर प्रियंका गांधी ने कहा कि राजधानी की हालत शर्मनाक है। हमें राजनीति को किनारे रखकर एडमिनिस्ट्रेटिव, पॉलिटिकल, सिविल सोसाइटी और ज्यूडिशियल को एक साथ लाकर सख्त एक्शन लेना चाहिए। यहां 22 लाख बच्चों के फेफड़ों को परमानेंट डैमेज है। बुजुर्ग लोग अस्थमा और सांस की दूसरी दिक्कतों से जूझ रहे हैं। हॉस्पिटल भरे हुए हैं।
प्रियंका गांधी ने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को तुरंत एक्शन लेना चाहिए। हम सरकार को सपोर्ट करने के लिए तैयार हैं।
दूसरी ओर कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने संसद में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग दोहराई। उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "जिस तरह से इलेक्शन कमीशन के जरिए पूरी वोटर लिस्ट को एक खास नाम से बदला जा रहा है, उससे पूरे देश में परेशानी हो रही है। लोग सुसाइड कर रहे हैं और पूरा सिस्टम दबाव में है। अगर पार्लियामेंट इन मामलों पर चर्चा नहीं करेगी, तो कौन करेगा?"