कर्नाटक में गिरफ्तार जासूस निकला आईएसआई एजेंट, सेना की खुफिया जानकारी भेज रहा था पाकिस्तान

जितेंद्र सिंह 2016 में आईएसआई के संपर्क में आया था। उसे आईएसआई एजेंट ने नेहा उर्फ पूजाजी नाम के फर्जी फेसबुक अकाउंट के जरिए फंसाया था। सालों तक मीठी-मीठी बातें करने के बाद उसे मोटी रकम के बदले सेना से जुड़ी जानकारी भेजने के लिए कहा गया, जिस पर वह मान गया।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

कर्नाटक पुलिस और मिल्रिटी इंटेलिजेंस ने एक संयुक्त अभियान में सोमवार को बेंगलुरू से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम कर रहे एक जासूस को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार आरोपी की पहचान राजस्थान के बाड़मेर जिले के जितेंद्र सिंह के रूप में हुई है।

सूत्रों ने कहा कि आरोपी जासूस जितेंद्र सिंह ने सेना के ठिकानों, फायरिंग रेंज और भारतीय सेना की आवाजाही की कई वीडियो और तस्वीरें लीं और उन्हें आईएसआई एजेंटों के पास भेज दिया।
सूत्रों ने बताया कि आरोपी ने तस्वीरें और वीडियो लेते हुए भारतीय सेना की वर्दी पहनी हुई थी। वीडियो, फोटो और वॉयस मैसेज भेजने के बाद वह उन सभी को डिलीट कर देता था। हालांकि, पुलिस अधिकारी सभी हटाए गए संदेशों को पुन: प्राप्त करने में कामयाब रहे हैं।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि जितेंद्र सिंह 2016 में आईएसआई के संपर्क में आया था। जितेंद्र सिंह को आईएसआई एजेंट ने 'नेहा उर्फ पूजाजी' नाम के फर्जी फेसबुक अकाउंट के जरिए फंसाया था। एजेंट ने सिंह के साथ दोस्ती की क्योंकि उसने सेना की वर्दी में अपनी एक तस्वीर लगाई थी।
सालों तक मीठी-मीठी बातें करने के बाद, उसे मोटी रकम के बदले में वीडियो, फोटो और अन्य जानकारी भेजने के लिए कहा गया।


इसके बाद जितेंद्र सिंह मान गया और उनके आदेश का पालन किया। सूत्रों ने बताया कि उसे विभिन्न खातों से डिजिटल रूप से पैसों का भुगतान किया गया था। फिर मिल्रिटी इंटेलिजेंस ने फेसबुक पर जितेंद्र सिंह और नेहा के बीच हुई बातचीत को देखते हुए खातों की निगरानी शुरू कर दी। नेहा के अकाउंट में पाकिस्तान में कराची का आईपी एड्रेस दिखने के बाद शक गहरा हो गया था।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि जितेंद्र करीब दो महीने पहले बेंगलुरु शिफ्ट हुआ था। यहां उसने एक फुटपाथ पर कपड़ा व्यापारी के रूप में कारोबार शुरू किया जो कॉटनपेट के जॉली मोहल्ला में दुकानदारों को कपड़े बेचता था। मिल्रिटी इंटेलिजेंस स्लीथ्स और कर्नाटक पुलिस सिटी क्राइम ब्रांच (सीसीबी) ने एक संयुक्त अभियान में उसे उठा लिया।


संयुक्त आयुक्त (अपराध) संदीप पाटिल ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया, "आरोपी ने देश में रक्षा प्रतिष्ठानों के फोटो और वीडियो लिए और उन्हें विदेशी एजेंसी को भेजा। फोटो और वीडियो को हिरासत में ले लिया गया है। उसके घर की तलाशी के दौरान अधिकारियों को एक सैन्य वर्दी मिली है। उसने सेना का दुरुपयोग किया है। और अधिक विवरण अभी जांच में सामने आना बाकी है।"

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