छात्र राजनीति से शुरुआत, सीता पर विवादित बयान से मुख्यमंत्री तक, पढ़ें मोहन यादव के सफर की पूरी कहानी

उज्जैन के मास्टर प्लान को लेकर मोहन यादव पर गंभीर आरोप लगे थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि मोहन यादव ने अपने परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए मास्टर प्लान को गलत तरीके से पास कराया है। हालांकि, यादव ने आरोपों को खारिज कर दिया था।

छात्र राजनीति से शुरुआत, सीता पर विवादित बयान से मुख्यमंत्री तक, पढ़ें मोहन यादव का पूरा सफर
छात्र राजनीति से शुरुआत, सीता पर विवादित बयान से मुख्यमंत्री तक, पढ़ें मोहन यादव का पूरा सफर
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नवजीवन डेस्क

मध्य प्रदेश में सभी को चौंकाते हुए बीजेपी ने मोहन यादव को प्रदेश का नया मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया है। केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजदूगी में विधायक दल की बैठक में मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. मोहन यादव के नाम पर मुहर लगाई गई। उनके अलावा जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला को प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाने का ऐलान हुआ, जबकि नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा स्पीकर की जिम्मेदारी दी गई है।

उज्जैन दक्षिण से विधायक मोहन यादव का नाम चौंकाने वाला रहा है। अब मध्य प्रदेश की कमान मोहन यादव के हाथ में रहेगी। मोहन यादव ने अपने राजनीतित सफर की शुरुआत छात्र जीवन से की थी। आइए विस्तार से जानते हैं मोहन यादव के छात्र राजनीति से मुख्यमंत्री बनने तक के सफर की पूरी कहानी।

लगातार 3 बार से विधायक

छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत करने वाले डॉ. मोहन यादव का जन्म 25 मार्च 1965 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुआ था। उनके पिता पूनमचंद यादव और माता लीलाबाई यादव हैं। उनकी पत्नी का नाम सीमा यादव है। डॉ. मोहन यादव 2013 और 2018 के बाद 2023 में भी उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट पर चुनाव जीते हैं।

डॉ. मोहन यादव ने माधव विज्ञान महाविद्यालय से अपनी पढ़ाई की। वह 1982 में छात्र संघ के सह-सचिव चुने गए थे। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री रहे हैं। आगे चल कर वह बीजेपी की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य और सिंहस्थ मध्य प्रदेश की केंद्रीय समिति के सदस्य भी रहे। मोहन यादव मध्य प्रदेश विकास प्राधिकरण के प्रमुख और पश्चिम रेलवे बोर्ड में सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे हैं।


विवादों से रहा है नाता

उज्जैन के मास्टर प्लान को लेकर मोहन यादव पर गंभीर आरोप लगे थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि मोहन यादव ने अपने परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए मास्टर प्लान को गलत तरीके से पास कराया है। हालांकि, यादव ने आरोपों को खारिज कर दिया था। राज्य और केंद्र की बीजेपी सरकार ने इन आरोपों को कभी गंभीरता से नहीं लिया।

सीता पर विवादित बयान से रहे चर्चा में

मोहन यादव का सीता को लेकर दिया एक विवादित बयान चर्चा में रहा है। उन्होंने कहा था कि मर्यादा के कारण भगवान राम को सीता को छोड़ना पड़ा था। उन्होंने वन में ही बच्चों को जन्म दिया। वह कष्ट झेलकर भी राम की मंगलकामनना करती रहीं। आज के दौर में ये जीवन तलाक के बाद की जिंदगी जैसा है। इस बयान पर काफी विवाद हुआ था।

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