महाराष्ट्र में एंट्री पर सख्ती, टीके की दोनों डोज या RTPCR रिपोर्ट जरूरी, नहीं तो 14 दिन क्वारंटीन होना पड़ेगा

इस सख्ती का सबसे बड़ा कारण है कि राज्य में डेल्टा प्लस वैरिएंट का कहर दिखने लगा है। सरकार ने पुष्टि की है कि राज्य में इस वैरिएंट की वजह से 5 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि अभी तक राज्य में डेल्टा प्लस के कुल 66 मामले सामने आ चुके हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए बाहर से आ रहे लोगों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब राज्य में आने वाले किसी भी यात्री को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने का सर्टिफिकेट दिखाना होगा। वैक्सीन नहीं लगी होने पर 72 घंटे के अंदर का निगेटिव आरटी पीसीआर जांच रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा। इन नियमों का पालन नहीं करने पर बाहर से आने वाले यात्रियों को राज्य में 14 दिन के अनिवार्य क्वारंटीन में रहना होगा।

शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि बाहर से आने वालों को राज्य में एंट्री से पहले वैक्सीन की दोनों डोज लेने का सर्टिफिकेट दिखाना होगा। दोनों वैक्सीन डोज लगने के साथ ही दूसरी डोज को लगे 14 दिन पूरे होने भी जरूरी हैं। वैक्सीन नहीं लगे होने पर निगेटिव आरटी पीसीआर रिपोर्ट दिखानी होगी,, जो कि 72 घंटे से पुरानी नहीं होनी चाहिए। सरकार ने स्पष्ट किया है कि वैक्सीन नहीं लगे होने और निगेटिव जांट रिपोर्ट भी नहीं होने पर बाहर से आने वालों को 14 दिन के अनिवार्य क्वारंटीन में रहना पड़ेगा।


महाराष्ट्र में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंकाओं के कारण राज्य सरकार की तरफ से ये सख्ती की गई है। उद्धव सरकार दूसरी लहर जैसी तबाही से बचने के लिए कोरोना के खिलाफ हर कदम समय से पहले उठा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि राज्य में डेल्टा प्लस वैरिएंट का कहर दिखने लगा है। सरकार ने पुष्टि की है कि राज्य में इस वैरिएंट की वजह से 5 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि अभी तक राज्य में डेल्टा प्लस के कुल 66 मामले सामने आ चुके हैं।

चिंता की बात ये है कि अभी तक डेल्टा प्लस वेरिएंट के बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है। वैक्सीन के इस वेरिएंट पर असर को लेकर रिसर्च जारी है। हालांकि, जिन दो लोगों की डेल्टा प्लस से मौत हुई है, उन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थीं। ऐसे में डर और असमंजस का होना लाजिमी है और सावधानी बरतना भी जरूरी है।

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