दिल्ली-NCR में 'दमघोंटू' हवा की मार जारी, आज भी ज्यादातर इलाकों में AQI 400 के पार, सांस लेना हुआ दूभर
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली के कई इलाकों में AQI 400 से ऊपर, गाजियाबाद के लोनी में 469 दर्ज हुआ। नोएडा, मेरठ, हापुड़ और बागपत में भी प्रदूषण गंभीर है।

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की आज सुबह जारी रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी के ज्यादातर मॉनिटरिंग स्टेशन पर हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। रोहिणी, मुंडका, बवाना समेत कई इलाकों में AQI 400 से भी ऊपर दर्ज किया गया।
दिल्ली के कई इलाकों में हवा बेहद जहरीली
सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार सुबह दिल्ली के प्रमुख क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स इस प्रकार रहा-
आनंद विहार- 416
अशोक विहार- 412
आया नगर- 343
बवाना- 431
बुराड़ी- 404
डीटीयू- 417
द्वारका- 369
आईटीओ- 381
जहांगीरपुरी- 433
मुंडका- 434
नजफगढ़- 353
पंजाबी बाग- 381
रोहिणी- 423
आरके पुरम- 402
वजीरपुर- 442
इन सभी इलाकों में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक मानी जाती है।
गाजियाबाद में लोनी सबसे ज्यादा प्रदूषित
दिल्ली से सटे गाजियाबाद में भी बुरा हाल है। शुक्रवार को यहां का लोनी क्षेत्र AQI 469 के साथ सबसे प्रदूषित दर्ज किया गया।
गाजियाबाद के अन्य इलाकों में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब:
संजय नगर- 443
इंदिरापुरम- 413
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी हवा गंभीर श्रेणी में
नोएडा के प्रमुख क्षेत्रों में दर्ज AQI:
सेक्टर-125- 437
सेक्टर-116- 431
सेक्टर-1- 400
ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 में AQI 433 रिकॉर्ड किया गया।
नोएडा-गाजियाबाद के चार मॉनिटरिंग स्टेशनों में से तीन पर हवा गंभीर स्तर पर पाई गई।
मेरठ, हापुड़ और बागपत में भी रहत नहीं
ठंड बढ़ने के साथ पश्चिमी यूपी में भी प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है।
मेरठ के पल्लवपुरम में 424 AQI
हापुड़ में 417 AQI
बागपत में 383 AQI
इन जिलों में पिछले कई दिनों से हवा खराब बनी हुई है और सुधार के कोई संकेत नहीं दिख रहे।
कोहरा, ठंड और धीमी हवाएं बढ़ा रही मुश्किलें
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में कोहरा और शीतलहर जारी रहने का अनुमान है। विशेषज्ञों का मानना है कि:
धीमी हवाओं के चलते धूल और धुएं के कण वातावरण में फंस जाते हैं।
कोहरे के कारण प्रदूषण जमीन के पास ही जम जाता है।
राहत तभी मिल सकती है जब बारिश हो या तेज हवाएं चलें।
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी स्थिति में किसी बड़े सुधार की संभावना नहीं जताई है।
स्वास्थ्य पर असर
डॉक्टरों के मुताबिक, गंभीर श्रेणी की हवा में रहने से-
सांस की दिक्कत
आंखों में जलन
गले में खराश
अस्थमा के रोगियों की परेशानी बढ़ सकती है।
बुजुर्ग, बच्चे और पहले से बीमार लोग इस प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।