सुपरटेक के सीएमडी की गिरफ्तारी के बाद और उलझा मामला, 9705 खरीदारों को बिना रजिस्ट्री के फ्लैट्स पर दिया गया कब्जा
सुपरटेक प्रोजेक्ट्स से जुड़े हुए लोगों की परेशानी बढ़ने वाली है। सीएमडी की गिरफ्तारी के बाद मामला और भी पेचीदा होता जा रहा है। सुपरटेक के चेयरमैन 10 जुलाई तक ईडी की हिरासत में रहेंगे।
![फोटो: IANS](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2023-06%2F4c41d11f-4539-4314-971c-a7b563ca6b2c%2Fsupertech_builder__1616499996.jpg?rect=0%2C169%2C1200%2C675&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
सुपरटेक प्रोजेक्ट्स से जुड़े हुए लोगों की परेशानी बढ़ने वाली है। सीएमडी की गिरफ्तारी के बाद मामला और भी पेचीदा होता जा रहा है। सुपरटेक के चेयरमैन 10 जुलाई तक ईडी की हिरासत में रहेंगे। सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा है। आरोप है कि उन्होंने अपनी कंपनी के अधिकारियों के साथ मिलकर लोगों से परियोजनाओं के नाम पर धन जमा किया और फिर उसका दुरुपयोग किया गया।
सुपरटेक बिल्डर ने अभी तक देश भर में अपनी 20 परियोजनाओं में करीब 9705 फ्लैट खरीदारों को बिना रजिस्ट्री के ही फ्लैट पर कब्जा दिया हुआ है। अब तक कुल 11,953 की रजिस्ट्री हुई है। अभी तक अधिकांश फ्लैट निर्माणाधीन हैं। उनके तैयार होने पर कंपनी रजिस्ट्री और कब्जे की बात सोचेगी। एक तरफ चेयरमैन की गिरफ्तारी के बाद इन सभी प्रोजेक्ट की हालत क्या होने वाली है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा की बात करें तो यहां पर सुपरटेक के 18 प्रोजेक्ट्स हैं। वहीं, देशभर में करीब 20 से 22 प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिनमें अभी तक काम चल रहा है या फिर रजिस्ट्री बाकी है। एनसीएलटी में दिखाए गए एक दस्तावेज के मुताबिक सुपरटेक ने 49,554 यूनिट्स में से 38,603 फ्लैट बेचे हैं। इनमें से 11,953 की रजिस्ट्री हुई है, 27,673 यूनिट्स को नो ड्यू सर्टिफिकेट मिला है।
माना जा रहा है कि 6015 यूनिट्स को आने वाले समय में जल्दी एनडीसी मिल जाएगा। इसमें 21,881 यूनिट, सभी अधूरी हैं और इनका निर्माण कार्य पूरा करना है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बकाए की बात की जाए तो करीब 3500 करोड़ रुपए का बकाया सुपरटेक पर बाकी है। अगर अलग-अलग विभाग जैसे जल और राजस्व की राशि भी जोड़ ली जाए तो बकाया राशि 4000 से लेकर 5000 करोड़ तक पहुंच सकती है।
इस बकाया राशि को वसूलने के लिए कई बार नोटिस इशू किए गए हैं। लेकिन, बिल्डर की तरफ से इन्हें जमा नहीं कराया जा रहा है। सुपरटेक की नोएडा के सेक्टर 74 और 137 की परियोजनाएं भी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में है। इन परियोजनाओं का प्राधिकरण का 720 और 120 करोड़ रुपए बकाया है।
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