ज्ञानवापी परिसर में मिले 'शिवलिंग' के साइंटिफिक सर्वे पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट राजी, शुक्रवार को सुनवाई
इस महीने की शुरूआत में, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी मस्जिद में यह पता लगाने के लिए 'वैज्ञानिक सर्वेक्षण' का निर्देश दिया कि 'शिवलिंग' कितना पुराना है।
![ज्ञानवापी केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ASI को 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग की इजाजत दी](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2023-05%2Fea1110b7-8af4-4a08-b38a-b4c120e0b7c2%2FGyanvapi.jpg?rect=0%2C22%2C987%2C555&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की अपील पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई के लिए तैयार हो गया। पिछले साल मस्जिद परिसर के अंदर पाए गए शिवलिंग के वैज्ञानिक सर्वे की अनुमति देने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने भारत के चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया।
अहमदी ने कहा कि हाई कोर्ट ने यह आदेश लंबित निर्णय के बावजूद पारित किया। पीठ ने मामले की सुनवाई करने पर सहमति जताई।
इस महीने की शुरूआत में, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी मस्जिद में यह पता लगाने के लिए 'वैज्ञानिक सर्वेक्षण' का निर्देश दिया कि 'शिवलिंग' कितना पुराना है।
हाई कोर्ट ने एएसआई से यह सुनिश्चित करने को कहा कि सर्वे के दौरान ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचे। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा की एकल पीठ हिंदू पक्ष द्वारा शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। एएसआई ने सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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