सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों से जुड़े 8 केस को किया बंद, काफी ज्यादा वक्त गुजरने का दिया हवाला

गुजरात के गोधरा स्टेशन पर 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एक डिब्बे में आग लगा दी गई थी, जिसमें 59 लोग मारे गए थे। ये सभी कारसेवक थे, जो अयोध्या से लौट रहे थे। इसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क उठे, जिसमें आधिकारिक तौर पर 1044 लोग मारे गए थे।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े 9 में से 8 केस को बंद करने का आदेश दिया है। इन मामलों से जुड़ी कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित थीं, जिनपर आज प्रधान न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली जस्टिस रवींद्र भट और जस्टिस जेबी पारदीवाला की तीन जजों की पीठ ने कहा कि इतना समय गुजर जने के बाद इन मामलों पर सुनवाई करने का कोई मतलब नहीं है।

अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजरात दंगों के 9 में से 8 केस में निचली अदालतें फैसला सुना चुकी हैं। इनमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की याचिका के साथ ही दंगा पीड़ितों और सिटीजंस फॉर जस्टिस नाम के एक एनजीओ की याचिका भी शामिल है। एनजीओ की याचिका में दंगों की जांच गुजरात पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंपने की मांग की गई थी।


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट पहले ही गुजरात दंगों से जुड़े 9 केस की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर चुका है। इनमें से 8 केस का ट्रायल भी पूरा हो चुका है। नारोदा गांव से जुड़े एक मामले की सुनवाई अभी जारी है। पीठ ने कहा कि पीड़ित परिवारों के वकील भी एसआईटी की जांच पर सहमति जता चुके हैं। ऐसे में इन मामलों का कोई मतलब नहीं रह जाता है। इसलिए कोर्ट मानती है कि इन याचिकाओं पर अब आगे विचार करने की जरूरत नहीं है।

सुनवाई के दौरान एसआईटी के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि 9 मामलों में से केवल नारोदा गांव में हुई हिंसा का मामला ही लंबित है। बाकी 8 मामलों में सुनवाई पूरी हो चुकी है और वे हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील स्तर में हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि कानून के मुताबिक नारोदा गांव केस का ट्रायल जारी रहेगा और जांच के लिए गठित एसआईटी इस केस में कानून के अनुसार सभी जरूरी कदम उठा सकती है।


बता दें कि गुजरात के गोधरा स्टेशन पर 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एक डिब्बे में आग लगा दी गई थी, जिसमें 59 लोग मारे गए थे। ये सभी कारसेवक थे, जो अयोध्या से लौट रहे थे। इसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क उठे। इन दंगों में 1,044 लोग मारे गए थे, जिनमें 790 मुसलमान और 254 हिंदू थे। गोधरा, गुलबर्गा सोसाइटी, नरोदा गांव, नरोदा पाटिया, सरदारपुरा, बेस्ट बेकरी, ओडे गांव जैसे महत्वपूर्ण इलाके हैं, जहां दंगाइयों ने सारी हदें पार कर दीं।

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