SIR पर फैसले से सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की रक्षा की, हम जनता के वोट का अधिकार नहीं छिनने नहीं देंगेः कांग्रेस
खड़गे ने कहा कि करोड़ों जागरूक नागरिकों, कांग्रेस और राहुल गांधी के अभियान को सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से पहली सफलता मिली है। हम जनहित में दिए गए उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। लड़ाई जारी रहेगी, हम जनता के वोट का अधिकार छिनने नहीं देंगे।

कांग्रेस ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत ने स्पष्ट, मजबूत और साहसिक तरीके से संविधान की रक्षा की है। लड़ाई जारी रहेगी, हम जनता के वोट का अधिकार छिनने नहीं देंगे। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि यह फैसला आशा की एक किरण भी है। साथ ही कांग्रेस ने कहा कि अब चुनाव आयोग की धांधली खुलकर सामने आएगी। एसआईआर के नाम पर जो वोट चोरी का खेल किया गया है, उसकी सारी पोल खुल जाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में लिखा, ‘‘करोड़ों जागरूक नागरिकों, कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के अभियान को उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप से पहली सफलता मिली है। निर्वाचन आयोग के इस तर्क को कि आधार व मतदाता कार्ड मतदान के लिए मान्य नहीं है, उसे एसआईआर के केस में उन 65 लाख लोगों के लिए अब माननीय उच्चतम न्यायालय ने मान्यता दे दी है।’’
खड़गे के अनुसार, बिहार में एसआईआर के दौरान जो 65 लाख लोग मतदाता सूची से बाहर हुए हैं, उनका डेटा अब चुनाव आयोग को सार्वजनिक करना पड़ेगा जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।उन्होंने कहा, ‘‘हम जनहित में दिए गए माननीय उच्चतम न्यायालय के फ़ैसले का स्वागत करते हैं। लड़ाई जारी रहेगी, हम जनता के “वोट का अधिकार” छिनने नहीं देंगे।’’
वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने भारत के संविधान को स्पष्ट, मजबूत और साहसिक तरीके से बरकरार रखा है। यह प्रधानमंत्री और उनके समर्थकों की चालों से हमारे गणराज्य को बचाने की एक लंबी लड़ाई है, लेकिन बिहार एसआईआर मुद्दे पर आज का उच्चतम न्यायालय का फैसला उम्मीद की एक किरण है।’’ उन्होंने कहा कि यह एक पहला लेकिन बहुत बड़ा कदम है।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को बिहार के विशेष गहन पुनरीक्षण मामले में निर्वाचन आयोग को एसआईआर के बाद मसौदा मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख मतदाताओं की पहचान 19 अगस्त तक उजागर करने और 22 अगस्त तक अनुपालन रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने आयोग को प्रक्रिया में आधार को मान्यता देने का भी निर्देश दिया है।