सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 'द केरला स्टोरी' पर लगा बैन हटाया, तमिलनाडु को भी स्क्रीनिंग के लिए निर्देश

चीफ जस्टिस ने पश्चिम बंगाल सरकार के वकील से कहा कि अगर कोई घटना होती है तो राज्य सरकार किसी विशेष जिले में फिल्म के प्रदर्शन को रोक सकती है, लेकिन इसे पूरे राज्य में बैन नहीं किया जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 'द केरला स्टोरी' पर लगा बैन हटाया
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 'द केरला स्टोरी' पर लगा बैन हटाया
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नवजीवन डेस्क

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फिल्म 'द केरला स्टोरी' पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लगाए गए बैन को हटा दिया है। चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत पश्चिम बंगाल सरकार के 8 मई के उस आदेश पर रोक लगा रही है, जिसमें फिल्म 'द केरला स्टोरी' को बैन किया गया था। कोर्ट ने तमिलनाडु को भी विवादित फिल्म की सुरक्षित स्क्रीनिंग के लिए सिनेमा हॉल को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि राज्य प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से फिल्म की स्क्रीनिंग को नहीं रोकेगा।

सुनवाई के दौरान पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एम. सिंघवी से कहा राज्य सरकार ने 13 लोगों के विचार के आधार पर फिल्म पर बैन लगा दिया। आपको कहीं भी 13 लोग मिल जाएंगे जो कहेंगे कि फिल्म पर प्रतिबंध लगा दें। शीर्ष अदालत ने कहा कि फिल्म देश में हर जगह रिलीज हो चुकी है।


सिंघवी ने कोर्च को बताया कि पश्चिम बंगाल की जनसांख्यिकी बहुत अलग है और इस पर भी विचार करना होगा। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, आप जनसांख्यिकीय हर जगह समान होने की उम्मीद नहीं कर सकते.. सत्ता का आनुपातिक तरीके से प्रयोग किया जाना है। चीफ जस्टिस ने सिंघवी से कहा कि आप मौलिक अधिकारों को भावनाओं के सार्वजनिक प्रदर्शन पर निर्भर नहीं बना सकते और अगर आपको यह पसंद नहीं है, तो फिल्म न देखें।

चीफ जस्टिस ने पश्चिम बंगाल सरकार के वकील से कहा कि अगर कोई घटना होती है तो राज्य सरकार किसी विशेष जिले में फिल्म के प्रदर्शन को रोक सकती है, लेकिन इसे पूरे राज्य में बैन नहीं किया जा सकता। पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि फिल्म 'द केरला स्टोरी' मनगढ़ंत तथ्यों पर आधारित है और इसमें कई ²श्यों में हेट स्पीच है, जो समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा कर सकती है।


राज्य सरकार ने एक जवाबी हलफनामे में कहा कि अगर फिल्म को प्रदर्शित करने की अनुमति दी जाती है तो इससे शांति भंग हो सकती है। हलफनामे में कहा गया है कि फिल्म गलत तथ्यों पर आधारित है और इसमें कई दृश्यों में हेट स्पीच है जो सांप्रदायिक भावनाओं को आहत कर सकती है और समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा कर सकती है जो अंतत: कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा करेगी। यह बात राज्य सरकार द्वारा प्राप्त विभिन्न खुफिया सूचनाओं से पता चली है।

गौरतलब है कि विवादित फिल्म द केरला स्टोरी में गलत तथ्यों के आरोप लगने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 8 मई सार्वजनिक व्यवस्था और शांति बनाए रखने के उद्देश्य से पश्चिम बंगाल सिनेमा (विनियमन) अधिनियम की धारा 6 (1) का प्रयोग करते हुए राज्य में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने आज हटा दिया।

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