प्रदूषण के कारण डिजिटल सुनवाई कर सकता है सुप्रीम कोर्ट, चीफ जस्टिस ने हालात को गंभीर बताते हुए दिया संकेत

यह टिप्पणी तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में एसआईआर के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की शुरुआत में आई, जब आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने प्रदूषण के कारण व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट मांगी।

प्रदूषण के कारण डिजिटल सुनवाई कर सकता है सुप्रीम कोर्ट, चीफ जस्टिस ने हालात को गंभीर बताते हुए दिया संकेत
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नवजीवन डेस्क

राजधानी दिल्ली में गंभीर प्रदूषण के कारण सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई डिजिटल तरीके से हो सकती है। प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने गंभीर वायु प्रदूषण के कारण सुनवाई केवल डिजिटल तरीके से करने पर विचार करने की बात कहते हुए कहा कि वह बार से परामर्श के बाद इस पर निर्णय करेंगे। चीफ जस्टिस ने कहा कि एक दिन पहले जब वह एक घंटे की सैर पर गए थे तो उन्होंने खुद को अस्वस्थ महसूस किया था। 60 वर्ष से अधिक आयु के अधिवक्ताओं के लिए डिजिटल तरीके से सुनवाई की अनुमति देने का विचार अदालत में रखा गया था।

प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने यह टिप्पणी तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की शुरुआत में की, जब आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट मांगी।


द्विवेदी ने कहा, ‘‘मुझे प्रदूषण से दिक्कत है... कृपया मेरे सहकर्मी को नोट लेने की अनुमति दें। मैं अगली तारीख पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश होना चाहता हूं।" उन्होंने बताया कि सुबह की सैर पर जाने के बाद से उन्हें कुछ दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा, "मुझे आपकी अनुमति चाहिए। ऑनलाइन पेश होने की अनुमति दी जाए, मेरी तबियत ठीक नहीं है।"

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सहमति जताते हुए कहा, ‘‘इस उम्र में, हम इस खराब हवा में सांस ले रहे हैं, जबकि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400-500 है।" प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "कल मैं एक घंटे टहलने गया था। मैं ठीक महसूस नहीं कर रहा था।" इसके बाद, 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के वकीलों को सुनवायी के लिए भौतिक पेशी से छूट देने की संभावना पर विचार किया गया।


प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अगर मैं कोई फैसला लेता हूं, तो हम पहले बार को भरोसे में लेंगे। हम वकीलों और मुकदमा लड़ने वालों को होने वाली मुश्किलों को देखेंगे... अगर हमें कोई प्रस्ताव मिलता है, तो हम कुछ करेंगे। मैं शाम को पदाधिकारियों से मिलूंगा और कुछ कदम उठाऊंगा।’’ अभी, शीर्ष अदालत ‘हाइब्रिड मोड’ में काम करती है जिसके तहत सुनवायी भौतिक और डिजिटल, दोनों तरीकों से होती है।

बुधवार सुबह राजधानी में हवा की गुणवत्ता ‘‘बहुत खराब’’ श्रेणी में दर्ज की गई क्योंकि एक्यूआई 335 थी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, शून्य से 50 के बीच का एक्यूआई "अच्छा", 51 से 100 के बीच "संतोषजनक", 101 से 200 के बीच "मध्यम", 201 से 300 के बीच "खराब", 301 से 400 के बीच "बहुत खराब" और 401 से 500 के बीच "गंभीर" माना जाता है।दिल्ली में पिछले कुछ हफ़्तों से वायु गुणवत्ता बेहद खराब है।

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