सुप्रीम कोर्ट ने जारी की जस्टिस वर्मा के घर मिली नकदी की तस्वीरें-वीडियो, जांच रिपोर्ट भी वेबसाइट पर डाली
सुप्रीम कोर्टने दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस वर्मा के मिली नकदी के मामले की जांच रिपोर्ट के साथ ही उस कमरे की तस्वीरें और वीडियो भी सार्वजनिक कर दिए हैं जहां आग बुझाने के दौरान जली-अधजली नकदी मिली थी। कोर्ट ने जस्टिस वर्मा का बयान भी जारी किया है।

दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर लगी आग के दौरान मिली नकदी की तस्वीरें और वीडियो सार्वजनिक हो गई हैं। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय ने मामले की अंदरूनी जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट को 21 मार्च को रिपोर्ट सौंपी थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 22 मार्च 2025 (शनिवार) की देर रात सार्वजनिक कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट के साथ ही उस कमरे की तस्वीरें और वीडियो भी जारी कर दिए हैं जहां भारी तादाद में नकदी मिली थी। तस्वीरों और वीडियो से सामने आया है कि जिस कमरे में आग लगी है उनमें 500 रुपए के जले हुए और अधजले नोटों के बंडल साफ दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस कमरे से फायर ब्रिगेड को नोटों की 4-5 बोरियां मिली थीं। जस्टिस वर्मा के घर 14 मार्च को आग लगी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की जांच रिपोर्ट को भी सार्वजनिक करते हुए जस्टिस वर्मा के जवाब को भी अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। इस मामले से जुड़े दस्तावेज भी सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर डाले गए हैं। (सुप्रीम कोर्ट के प्रेस नोट को इस लिंक में देख सकते हैं)
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, 'सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने दिल्ली हाईकोर्ट के वर्तमान जज जस्टिस यशवंत वर्मा के विरुद्ध आरोपों की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है, जिसमें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जस्टिस जी.एस. संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं. दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को फिलहाल जस्टिस यशवंत वर्मा को कोई न्यायिक कार्य न सौंपने के लिए कहा गया है. दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने अपनी रिपोर्ट दी है।'
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जस्टिस यशवंत वर्मा का जवाब भी जारी किया है। जवाब में जस्टिस वर्मा ने इस नकदी की जानकारी होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि यह स्पष्ट रूप से उन्हें फंसाने और बदनाम करने की साजिश प्रतीत होती है। उस स्टोररूम में उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य द्वारा कभी कोई नकदी नहीं रखी गई थी। उन्होंने कहा कि वे इस बात की कड़ी निंदा करते हैं कि कथित नकदी उनकी थी। जिस कमरे में आग लगी और जहां कथित तौर पर नकदी मिली, वह एक आउटहाउस था न कि मुख्य भवन जहां न्यायाधीश और उनका परिवार रहता है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी वीडियो को इस लिंक में देख सकते हैं
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia