सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा बनभूलपुरा रेलवे भूमि पर फैसला, हल्द्वानी में सुरक्षा कड़ी
इस आदेश का प्रभाव सिर्फ हल्द्वानी तक सीमित नहीं रहेगा। इसलिए पूरे देश का ध्यान इस मामले पर है। फैसला तय करेगा कि रेलवे संपत्ति पर कब्जे के मामलों में आगे क्या प्रक्रिया और मानक अपनाए जाएंगे।

उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र से जुड़े रेलवे भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को अपना महत्वपूर्ण और अंतिम फैसला सुनाने जा रहा है। लगभग 29 एकड़ रेलवे भूमि पर वर्षों से चल रहे कब्जे को लेकर लंबी कानूनी प्रक्रिया अब खत्म होने की कगार पर है। यह फैसला हजारों स्थानीय परिवारों के भविष्य के साथ-साथ देशभर में रेलवे भूमि प्रबंधन के मामलों के लिए भी एक अहम मिसाल साबित हो सकता है।
देशभर की निगाहें फैसले पर टिकीं
इस आदेश का प्रभाव सिर्फ हल्द्वानी तक सीमित नहीं रहेगा। इसलिए पूरे देश का ध्यान इस मामले पर है। फैसला तय करेगा कि रेलवे संपत्ति पर कब्जे के मामलों में आगे क्या प्रक्रिया और मानक अपनाए जाएंगे।
हल्द्वानी में पुलिस-प्रशासन अलर्ट पर
फैसले से पहले नैनीताल जिला प्रशासन और पुलिस पूरी तरह सतर्क हैं। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए आरपीएफ, रेलवे पुलिस, पीएसी, पैरामिलिट्री फोर्स और उत्तराखंड पुलिस बड़ी संख्या में तैनात की गई है।
अधिकारियों के मुताबिक बल को LMG सहित आधुनिक हथियारों से लैस किया गया है, ताकि किसी भी हालात में कानून-व्यवस्था नियंत्रण से बाहर न हो।
बनभूलपुरा में कड़ी पाबंदियां, क्षेत्र ‘जीरो जोन’ घोषित
सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक पूरे बनभूलपुरा इलाके में सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं।
लोगों की आवाजाही सीमित
हर गतिविधि पर कड़ी निगरानी
भीड़, सभा और अनधिकृत गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध
पुलिस लगातार फ्लैग मार्च कर रही है ताकि लोगों में सुरक्षा को लेकर भरोसा बना रहे।
संवेदनशील इलाकों में सघन चेकिंग और फ्लैग मार्च
सभी महत्वपूर्ण और संवेदनशील स्थानों पर
बैरिकेडिंग
पेट्रोलिंग
सघन तलाशी
आने-जाने वालों की मॉनिटरिंग को बढ़ा दिया गया है।
BDDS टीमों ने बम जांच और एंटी-सबोटाज अभियान भी शुरू कर दिया है, जिससे किसी भी तरह की शरारत को पहले ही रोक दिया जाए।
सीसीटीवी निगरानी और मजबूत की गई, 70 से ज्यादा कैमरे सक्रिय
सुरक्षा को व्यापक बनाने के लिए बनभूलपुरा की
गफूर बस्ती
लाइन नंबर 17
आसपास की गलियों में करीब 45 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
इनकी लाइव मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम से हो रही है। पिछली घटना में क्षतिग्रस्त हुए कैमरों की मरम्मत कर उन्हें फिर से चालू कर दिया गया है।
रेलवे ने भी स्टेशन और ट्रैक क्षेत्र के आसपास 25 नए कैमरे लगाए हैं ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत नजर रखी जा सके।
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