कर्ज पर ब्याज माफी के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, राहत की कितनी उम्मीद?
केन्द्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से वरिष्ठ विधि अधिकारी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मंगलवार को सर्वोच्च अदालत को बताया कि मोरेटोरियम अवधि के बीच ऋण की किस्तों के भुगतान पर दी गयी छूट को दो वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है।
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सुप्रीम कोर्ट मोरेटोरियम अवधि के दौरान ऋण पर ब्याज माफी को लेकर दायर याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की एक पीठ ने कहा था,“ हम इस मामले में संबंधित पक्षों से दो सितंबर को सुनवाई करेंगे।”
केन्द्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से वरिष्ठ विधि अधिकारी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मंगलवार को सर्वोच्च अदालत को बताया कि मोरेटोरियम अवधि के बीच ऋण की किस्तों के भुगतान पर दी गयी छूट को दो वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है। मेहता ने अदालत को बताया कि उन क्षेत्रों की पहचान की जा रही है जो कोरोना संकट के दौरान सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि वह जिम्मेदार व्यक्ति हैं और कोविड महामारी के दौरान लोगों को हुई परेशानी और पीड़ा को समझते हैं तथा इसलिए वह इस मुद्दे पर ऐसा निर्णय लेंगे जो सभी के हितों के लिए हो। सुप्रीम कोर्ट कोरोना महामारी के कारण मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज माफी की वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।
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