पीएनबी घोटाला: सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई, कोर्ट ने कहा, सरकार को पूरी कार्रवाई का मौका दिया जाए

पीएनबी में 11500 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि मामले में सरकार को पहले पूरी कार्रवाई करने का मौका दिया जाना चाहिए।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पंजाब नेशनल बैंक में हुए 11500 करोड़ रुपये घोटाले के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में सरकार को पूरी कार्रवाई का मौका दिया जाना चाहिए। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि सरकार को इस मामले में पहले पूरी कार्रवाई करने का मौका दिया जाना चाहिए। पीठ ने यह भी कहा कि इस मामले में बहस के दौरान भावनात्मक अपील नहीं, बल्कि इसके कानूनी पहलुओं पर ही बात होगी।

इस मामले में जनहित याचिका दायर करने वाले वकील विनीत ढांडा ने कोर्ट से कहा कि पूरा देश इस मामले को देख रहा है और कोर्ट को इस मामले में केंद्र सरकार को कम से कम एक नोटिस जारी करना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि केंद्र सरकार ने विजय माल्या से जुड़े इसी तरह के एक मामले में कुछ नहीं किया।

मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और विभिन्न एजेंसियां पूरे मामले की जांच कर रही हैं। उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि इस मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 16 मार्च को होगी।

पीएनबी घोटाले में दायर जनहित याचिका में बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में 10 करोड़ रुपये से ऊपर के बैंक लोन लेने के लिए गाइडलाइन बनाने और लोन डिफॉल्टर की संपत्ति जब्त करने के लिए नियम बनाने की मांग की गई है। याचिका में इस बात की भी मांग की गई है कि केंद्र सरकार को कोर्ट इस बात का निर्देश दे कि जल्द से जल्द पीएनबी घोटाला मामले में फरार मुख्य आरोपी नीरव मोदी का प्रत्यार्पण कराया जाए। साथ ही पूरे मामले की जांच एक एसआईटी गठित कर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कराने की मांग भी की गई है।

इस बीच सीबीआई ने मुंबई में पीएनबी के ब्रैडी हाउस शाखा के पूर्व महाप्रबंधक राजेश जिंदल को गिरफ्तार किया है। यह वही ब्रांच है, जहां 11500 करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम दिया गया था। बताया जा रहा है कि राजेश जिंदल 2009 के अप्रैल से मई 2011 तक इस ब्रांच के हेड थे।

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