No Confidence Motion: मणिपुर मामले पर मोदी सरकार पर भड़कीं सुप्रिया सुले, कहा- मणिपुर CM को तुरंत हटाया जाए

मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज से लोकसभा में चर्चा शुरू हुई है। अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान विपक्षी सांसदों ने मणिपुर हिंसा, महंगाई समेत कई मुद्दों को लेकर केंद्र पर हमला बोला।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज से लोकसभा में चर्चा शुरू हुई है। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने इस प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत की है। तीन दिनों तक 18 घंटे संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इसके बाद 10 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस चर्चा का जवाब देंगे। कांग्रेस की ओर से सांसद गौरव गोगोई ने इसपर बहस की और अपने भाषण के दौरान मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला।

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने लोकसभा में मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब में सरकार के बारे में सोचती हूं, मेरे दिमाग में जो ख्याल आता है। वह है घमंड। सरकार से हमेशा घमंड झलकता है। ये बीजेपी वाले हमेशा बात करते हैं, नव रत्न, नो साल। लेकिन इन 9 सालों में बीजेपी ने क्या किया। सिर्फ राज्य सरकारें गिराईं। महंगाई बढ़ाई। जुमला दिया। गडकरी जी ने तो यह तक कह दिया कि जुमला उनके गले की हड्डी हो गया है।

बीजेपी सरकार वैसे तो बड़े-बड़े दावे करती है। लेकिन पिछले 9 सालों में बीजेपी ने बस 9 राज्यों की सरकारें गिराईं हैं। इन राज्यों में अरुणाचल, मणिपुर, मेघालय, उत्तराखंड, कर्नाटक, गोवा, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र भी शामिल है। महाराष्ट्र की सरकार दो बार गिराई गई है। सुप्रिया सुले ने कहा कि जिनके राज में मणिपुर में महिलाओं से अत्याचार हो रहा है, हम उनका साथ कैसे दे सकते हैं।

उन्होंने कहा कि मेरी मांग है कि (मणिपुर के) मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए...दंगा, हत्या और बलात्कार के 10,000 मामले आए हैं। क्या हम इतने असंवेदनशील हो गए हैं? इस सरकार की यही समस्या है।

TMC सांसद सौगत रॉय बोले- ये निर्दयी लोगों की सरकार

अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा के दौरान टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि यह सरकार निर्दयी लोगों की सरकार है। वे पश्चिम बंगाल में प्रतिनिधिमंडल भेज रहे हैं लेकिन एक भी प्रतिनिधिमंडल मणिपुर नहीं गया जहां हमारे भाई-बहन मर रहे हैं। आपको कोई दया नहीं है और यही कारण है कि आप अन्य दलों की तरह मणिपुर नहीं गए।

उन्होंने कहा कि देश से प्यार करता है, वह मोदी को पसंद नहीं करता। उन्होंने कहा, 'मैं निशिकांत दुबे की बातों का जवाब नहीं देना चाहता। वह ऐसी संस्था से आते हैं, जिस पर गांधी जी की हत्या के बाद बैन लगा दिया गया था। इससे पहले अनुराग ठाकुर ने कहा था गोली मारो... मीनाक्षी लेखी ने कहा था की ईडी का छापा पड़ जाएगा।'

सांसद सौगत रॉय  ने मणिपुर पर बात करते हुए कहा, 'इस सरकार के पास दिल नहीं है। केवल एक ही डेलिगेशन मणिपुर गया था। मेरे दोस्त गौरव गोगोई ने मणिपुर के हालात को बखूबी पेश किया। अब तक 150 लोग मारे जा चुके हैं। कई रेप हुए हैं। 300 से ज्यादा रिलीफ कैंप बने हुए हैं। निशिकांत है इस बारे में कोई बात नहीं की। एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दो कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र करके सड़कों पर घुमाया गया। क्या वाकई हम एक सिविल सोसाइटी में रह रहे हैं।


सांसद टीआर बालू का मणिपुर को लेकर सरकार पर हमला

उधर, लोकसभा में अप्रस्ताव पर डीएमके सांसद टीआर बालू ने कहा कि देश की जनता ने पीएम मोदी को चुनकर भेजा है। वह इस सदन के नेता हैं, लेकिन वह अब तक लोकसभा में नहीं, जबकि लगातर उन्हें इस सदन में बुलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मणिपुर के अल्पसंख्यकों को बेरहमी से मारा गया है। 143 लोग मारे गए हैं। 65,000 लोग राज्य छोड़कर भाग गए हैं। मणिपुर की सड़कों पर दो महिलाओं को निर्वस्त्र किया गया, सामूहिक बलात्कार किया गया और नग्न घुमाया गया... मुख्यमंत्री असहाय हैं। पीएम संसद में नहीं आ रहे हैं और वह राज्य में नहीं गए हैं वहीं, I.N.D.I.A. पार्टियां वहां गईं और समझ गईं कि क्या हुआ है।

सदन में बोलते हुए डीएमके सांसद टीआर बालू ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही हैं। यह ठीक नहीं है। यूपीए के समय पेट्रोल महज 60 और 70 रुपए का था। उस समय क्रूड ऑयल 70-80 डॉलर पर बैरल था। आज क्रूड ऑयल की कीमतें भी कम हैं। इसके बाद भी पेट्रोल-डीजल के रेट आसमान पर हैं।

यह अहंकारी सरकार है- सपा सांसद डिंपल यादव

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद डिंपल यादव ने कहा कि मणिपुर की घटना बेहद संवेदनशील है। सरकार इस मामले में बेहद असंवेदनशील रही है। यह अहंकारी सरकार है, यह पूरी तरह से मानवाधिकार का उल्लंघन था। हिंसा को अंजाम देने के लिए महिलाओं को साधन के रूप में इस्तेमाल करना संवैधानिक लोकतंत्र में अस्वीकार्य है। यह एक राज्य-प्रायोजित जातीय हिंसा थी।

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