सर्वेः लॉकडाउन से 50 प्रतिशत लोगों की आय को लगा झटका, या तो नौकरी गई, या वेतन में हुई कटौती

आयु समूहों के आधार पर किए गए इस सर्वे में 61.6 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिकों ने माना कि वे अब कम आय प्राप्त कर रहे हैं। इसके साथ सर्वे में निम्न-आय समूह और उच्च-आय समूह दोनों के प्रभावित होने, जबकि एचआईजी समूह पर सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ने की बात सामने आई है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए लागू किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद से देश में लोगों की आय पर भारी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। आईएएनएस-सीवोटर इकोनॉमिक बैटरी वेव सर्वे में यह बात सामने आई है, जहां आधे से अधिक उत्तरदाताओं ने आय पर भारी नकारात्मक प्रभाव पड़ने की बात कही है।

इस सर्वेक्षण के अनुसार, 53.2 प्रतिशत पुरुषों ने कहा कि उनकी आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। सर्वे में यह देखने को मिला है कि लोगों को या तो अपनी नौकरी गंवानी पड़ी, या वे पहले की अपेक्षा कम वेतन प्राप्त कर रहे हैं या उन्हें बिना वेतन के छुट्टी पर जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसके अलावा ऐसे भी लोग हैं, जो अंशकालिक (पार्ट टाइम) काम करने पर मजबूर हुए हैं।इसी तरह, 56.4 प्रतिशत महिलाएं लॉकडाउन से पहले की तुलना में कम कमाई कर रही हैं।

आयु समूहों के हिसाब से किए गए इस सर्वे में सामने आया है कि 61.6 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिकों ने माना कि वे अब कम आय प्राप्त कर रहे हैं। इसके साथ ही सामने आया कि निम्न-आय समूह और उच्च-आय समूह दोनों ही प्रभावित हुए हैं। सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव एचआईजी समूह पर पड़ा है, जहां 84.4 प्रतिशत लोगों को तकलीफ उठानी पड़ी है। यह प्रभाव व्यापार और वाणिज्य क्षेत्र में भी हो सकता है, जहां व्यावसायिक गतिविधि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

दिलचस्प बात यह है कि सर्वे में उच्च शिक्षा वाले लोग इस अनिश्चित और अस्थिर वातावरण में भी स्थिर लग रहे हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले केवल 25.3 प्रतिशत महसूस कर रहे हैं कि वे कम आय प्राप्त कर रहे हैं।

धार्मिक तौर पर देखा जाए तो सबसे अधिक 79.5 प्रतिशत सिख समुदाय के लोगों ने माना कि वे इस दौरान कम आय प्राप्त कर रहे हैं। यानी इस समुदाय पर लॉकडाउन के सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव देखने को मिले हैं। अगर क्षेत्र के आधार पर देखें तो दक्षिण में सबसे अधिक 69.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने माना कि आय के मामले में वे सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं, वहीं पश्चिम क्षेत्र के 55.4 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।

यह सर्वे जून के पहले सप्ताह में किया गया है, जिसमें विभिन्न पृष्ठभूमि से आने वाले 1,397 लोगों से बातचीत की गई है। यह सर्वे देश भर में 500 से अधिक लोकसभा सीटों के अंतर्गत आने वाले लोगों के बीच किया गया है। सर्वे में साप्ताहिक तौर पर 1,000 से अधिक उत्तरदाताओं से बातचीत की गई है।

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