किश्तवाड़ आपदा में बचे लोगों ने सुनाई खौफनाक दास्तान, बोले- कभी नहीं भूल पाएंगे तबाही का वो मंजर
घटना के बारे में मध्य प्रदेश के उज्जैन से आए एक शख्स ने कहा कि हल्की-हल्की बरसात हो रही थी, लेकिन हमें बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि इतनी बड़ी आपदा आ जाएगी। हम किसी तरह अपनी जान बचाकर निकले। यह घटना जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगे।

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से मचैल माता मंदिर यात्रा मार्ग पर भारी तबाही मची है। बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। इस घटना से लोगों में दहशत का माहौल है। लोगों के अनुसार, वे कभी भी इस घटना को भूल नहीं पाएंगे।
इस घटना के बारे में मध्य प्रदेश के उज्जैन से आए एक शख्स ने कहा कि हल्की-हल्की बरसात हो रही थी, लेकिन हमें बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि इतनी बड़ी आपदा आ जाएगी। हम किसी तरह अपनी जान बचाकर निकले। यह घटना जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगे।
उन्होंने कहा कि हम यहां पर कई बार आ चुके हैं और मचैल माता मंदिर के दर्शन करते हैं। लेकिन इस बार का अनुभव बहुत ही खौफनाक रहा है। हरियाणा से आए चमनलाल, जो किश्तवाड़ के चशोती गांव में मचैल माता मंदिर यात्रा के दौरान आइसक्रीम बेचने के लिए आए थे, ने बादल फटने की घटना का भयावह अनुभव साझा किया।
चमनलाल ने कहा, "अचानक ब्लास्टिंग जैसी तेज आवाज आई, और लोग चिल्लाने लगे। हर तरफ अफरा-तफरी मच गई, लोग इधर-उधर भागने लगे। भगवान की मेहरबानी से मैं और कुछ लोग बच गए, लेकिन कई लोग मलबे में दब गए थे।"
उन्होंने आगे बताया कि बचाव दल ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और मलबे में दबे कुछ लोगों को रेस्क्यू कर निकाला गया। इस आपदा में लोगों की जान गई, लेकिन संख्या के बारे में नहीं कह सकते हैं।
किश्तवाड़ के चशोती इलाके में गुरुवार को बादल फटने के बाद अचानक बाढ़ आई। यह घटना उस जगह हुई, जहां श्री मचैल मंदिर यात्रा के लिए लोग जुटते हैं। यहां पर कई चार पहिया वाहन खड़े रहते हैं। यहां कई अस्थायी दुकानें भी थीं। एडीसी किश्तवाड़ के अनुसार, श्री मचैल यात्रा अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है। स्थानीय पुलिस-प्रशासन के अलावा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां बड़े पैमाने पर राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं।
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