सुशांत की बहन के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज, रिया चक्रवर्ती ने की थी शिकायत

सुशांत सिंह राजपूत की बहन प्रियंका सिंह और मीतू सिंह के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की लिखित शिकायत के आधार पर दर्ज किए जाने के बाद सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया है।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

सुशांत सिंह राजपूत केस में अब नया मोड़ आ गया है। अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की शिकायत पर मुंबई पुलिस ने सुशांत सिंह राजपूत की बहन प्रियंका सिंह और मीतू सिंह के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही एनडीपीएस एक्ट के तहत भी धाराएं लगाई गई हैं।

एफआईआर में कहा गया है कि, “दोनों बहनों ने एक साजिश के तहत एक सरकारी अस्पताल से दवा का फर्जी पर्चा बनवाया जिसमें एक प्रतिबंधित दवा लिखवाई गई, इस दवा का प्रयोग एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध है और इसे बिनी डॉक्टर की देखरेख के देने से भयंकर बेचैनी का दौरा पड़ सकता है जिसके नतीजतन व्यक्ति आत्महत्या कर सकता है।”

इस मामले को मुंबई पुलिस ने सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि सुशांत केस से संबंधित मुंबई पुलिस द्वारा किसी भी एफआईआर को सीबीआई को सौंपा जाए। इसीलिए इस मामले को भी सीबीआई को सौंप दिया गया है। अब इस मामले की भी व्यापक जांच होगी।

ध्यान रहे कि अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती ने सोमवार को मुंबई पुलिस को लिखित शिकायत दी थी जिसमें उन्होंने सुशांत की बहनों पर दवा का फर्जी बनवाने का आरोप लगाया था। मुंबई पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि, “रिया चक्रवर्ती की शिकायत के मुताबिक बांद्रा थाने में आईपीसी की धारा 420, 464, 465, 466, 468, 474, 306, 120बी, 34 और एनडीपीएस एक्ट की धारा 8सी, 21, 22 ए और 29 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशन के मुताबिक इस मामले की आगे की जांच के लिए केस को सीबीआई को सौंप दिया गया है।


रिया ने अपनी शिकायत में कहा था कि व्हाट्सऐप पर हुए कुछ चैट से पता चलता है कि सुशांत और प्रियंका के बीच 8 जून को हुई बातचीत काफी परेशान करने वाली है और इससे कई अपराधों का संदेह होता है। रिया ने कहा था कि सुशांत की बहन प्रियंका सुशांत को ऐसी दवाएं लेने को कहती थीं जो एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रतिबंधित हैं।

रिया ने शिकायत में कहा, “सुशांत के साथ हुई मेरी बातचीत से मुझे ऐसा लगता है कि सुशांत ने अपनी बहन को बताया था कि वह बिना पर्चे के इन दवाओं को नहीं ले सकता। यह हैरानी की बात है कि उस समय इसका पता नहीं चला कि सुशांत की बहन ने दिल्ली के आरएमएल अस्पताल के एक डॉक्टर तरुण कुमार का पर्चा बनवाकर सुशांत को भेजा।”

शिकायत में कहा गया है कि पहली नजर में दवा का यह पर्चा फर्जी लगता है क्योंकि डॉक्टर कुमार ने बिना मरीज को देखे ऐसी दवाएं लिख दीं जो प्रतिबंधित हैं। शिकायत में यह भी कहा गया है कि ऐसी दवाओं को टेलीमेडिसिन गाइडलाइन के तहत बिना मरीज को देखे इलेक्टरॉनिकली नहीं दिया जा सकता। रिया की शिकायत में कहा गया कि दवा के पर्चे में सुशांत को ओपीडी मरीज के तौर पर दिखाया गया है जबकि उस तारीख को सुशांत मुंबई में थे, दिल्ली में नहीं।

इस एफआईआर को सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह ने गैरकानूनी बताते हुए कहा है कि सुशांत का परिवार इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि एफआईर देखने के बाद लगता है कि बांद्रा पुलिस ने रिया की तरफदारी की है। उन्होंने एफआईआर को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन माना।

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