स्वामी प्रसाद मौर्य ने 'राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी' बनाई, बोले- BJP को हराने के लिए 'इंडिया' को करेंगे मजबूत

राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी का गठन साल 2013 में साहेब सिंह धनगर ने अलीगढ़ में किया था, लेकिन यह पार्टी राजनीतिक मैदान में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई। स्वामी द्वारा इसकी कमान संभालने के बाद माना जा रहा है कि वो इस पार्टी में जान फूंकेंगे।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने 'राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी' नाम से नई पार्टी का ऐलान किया
स्वामी प्रसाद मौर्य ने 'राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी' नाम से नई पार्टी का ऐलान किया
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नवजीवन डेस्क

समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देने के तीन दिन बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में अपनी पार्टी 'राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी' के गठन का ऐलान किया। इस मौके पर स्वामी ने कि वे इंडिया गठबंधन को मजबूत कर बीजेपी को जड़ से उखाड़ने का प्रयास करेंगे और इसके लिए हर कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं।

इस खास मौके पर स्वामी के समर्थक बड़ी संख्या में तालकटोरा स्टेडियम में जुटे। भीड़ के बीच अपनी पार्टी का ऐलान करते हुए उन्होंने दलितों और पिछड़ों के हित में अपनी आवाज बुलंद की। स्वामी ने जोर देते हुए कहा, "हम इंडिया गठबंधन को मजबूत कर बीजेपी को जड़ से उखाड़ने का प्रयास करेंगे। मैं बीजेपी को पराजित करने के लिए हर कुर्बानी देने के लिए तैयार हूं।"


20 फरवरी को स्वामी ने समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और एमएलसी पद से इस्तीफा दिया था। उनसे जब इस्तीफे की वजह पूछी गई थी तो उन्होंने कहा था कि पार्टी दलितों के साथ भेदभाव कर रही है, इसलिए उन्होंने अपना रास्ता अलग कर लिया है। समाजवादी पार्टी से मौर्य का अलग होना आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व अखिलेश यादव के लिए बड़ी राजनीतिक क्षति के रूप में रेखांकित किया जा रहा है।

राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी का गठन साल 2013 में साहेब सिंह धनगर ने अलीगढ़ में किया था, लेकिन यह पार्टी राजनीतिक मैदान में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई। स्वामी द्वारा इसकी कमान संभालने के बाद माना जा रहा है कि वो इस पार्टी में जान फूंकेंगे और लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव को स्वामी के हाथों चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है।


हालांकि, बीते दिनों जब अखिलेश यादव से स्वामी के इस्तीफे के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा था, "कुछ लोग सिर्फ अपने फायदे के लिए हमारी पार्टी में शामिल होते हैं और जब उनका काम निकल जाता है, तो वो चले जाते हैं।" स्वामी के इस्तीफे पर डिंपल यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य जब पार्टी में शामिल हुए थे, तब से पार्टी ने उन्हें सपोर्ट किया। विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट भी दिया, मगर वो चुनाव नहीं जीत सके। इसके बावजूद भी उन्हें एमएलसी बनाया गया।

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