9/11 की बरसी पर होने वाले सरकार के शपथ ग्रहण को तालिबान ने किया रद्द, पैसे की बर्बादी रोकने का दिया हवाला

खबर है कि तालिबान ने शपथ समारोह के लिए रूस, ईरान, चीन, कतर और पाकिस्तान को आमंत्रित किया था। लेकिन कथित तौर पर रूस ने कतर के जरिये सूचित किया था कि अगर यह समारोह 9/11 की बरसी पर आयोजित होता है तो वह इसमें भाग नहीं लेगा। इसके अलावा अमेरिका का भी दबाव था।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

तालिबान ने अमेरिका में 9/11 आतंकी हमले की 20वीं बरसी के दिन अफगानिस्तान में अपनी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के फैसले पर यूटर्न ले लिया है। तालिबानी ने अपनी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को हमेशा के लिए रद्द कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तालिबान सरकार ने पैसों की बर्बादी का हवाला देकर शपथ-ग्रहण समारोह को रद्द करने का ऐलान किया है।

इससे पहले तालिबान की तरफ से खबर आई थी कि अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद गठित नई सरकार का शपथ ग्रहण आज यानी 11 सितंबर को 9/11 आतंकी हमले की बरसी के मौके पर होगा। हालांकि, अब तालिबान ने यूटर्न लेते हुए इसे हमेशा के लिए रद्द कर दिया है। हालांकि, तालिबान का यह कारण लोगों के गले नहीं उतर रहा है।


दरअसल खबर है कि तालिबान ने शपथ समारोह के लिए रूस, ईरान, चीन, कतर और पाकिस्तान को आमंत्रित किया था। लेकिन कथित तौर पर रूस ने कतर के जरिये सूचित किया था कि अगर यह समारोह 9/11 की बरसी पर आयोजित होता है तो वह इसमें भाग नहीं लेगा। खबरों के मुताबिक, अमेरिका भी कतर सरकार पर तालिबान को इस दिन शपथ समारोह करने से रोकने के लिए दबाव डाल रहा था। ऐसे में माना जा रहा है कि बड़े देशों द्वारा बनए गए दबाव के कारण ही तालिबान को यह कदम उठाना पड़ा है।

बता दें कि 15 अगस्त को काबुल पर कब्जे के साथ ही अफगानिस्तान पर अधिकार हासिल करने के बाद तालिबान ने इसी मंगलवार को देश में एक अंतरिम सरकार का ऐलान किया है, जिसमें प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद के साथ मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को उप प्रधानमंत्री बनाया गया है। वहीं, मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब को देश का रक्षामंत्री और मुल्ला अमीर खान मुत्तकी को विदेश मंत्री बनाया गया है।

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