तमिलनाडू: राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने महिला पत्रकार से बदसलूकी मामले में पत्रकारों के दबाव के बाद मांगी माफी
घटना के बाद महिला पत्रकार ने लेख लिखा, जिसमें उन्होंने राज्यपाल के कृत्य को दुखद और गलत बताया था। उन्होंने कहा था कि घटना के बाद मैंने कई बार अपना मुंह धोया, लेकिन मैं इस बात को भुला नहीं पा रही थी।

तमिलनाडू के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने ‘द वीक’ पत्रिका की महिला पत्रकार लक्ष्मी सुब्रमण्यम से की गई बदसलूकी के मामले में माफी मांग ली है। खुद लक्ष्मी सुब्रमण्यम ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। हालांकि, महिला पत्रकार ने कहा कि वे इस जवाब से संतुष्ट नहीं हैं, फिर भी उन्होंने राज्यपाल का माफीनामा स्वीकार कर लिया है।
तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित एक बार फिर विवादों में तब घिर गए थे जब एक प्रेस कांफ्रेंस में ‘द वीक’ पत्रिका की महिला पत्रकार लक्ष्मी सुब्रमण्यम ने उनसे सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब देने की बजाय पत्रकार की गाल थपथपा दी थी। लक्ष्मी सुब्रमण्यम ने बाद में ट्वीट कर इस घटना का विरोध किया था।
बाद में देश भर के तकरीबन 200 पत्रकारों ने पत्र लिखकर राज्यपाल से इस गलत आचरण के लिए माफी की मांग की थी।
दरअसल, पिछले दिनों तमिलनाडु के अरुप्पूकोट्टई के देवांग आर्ट कॉलेज की एक महिला लेक्चरर निर्मला देवी का ऑडियो सामने आया था जिसमें वे राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से अपने संबंधों की बात कह रही हैं। राज्यपाल ने इसी मसले पर सफाई देने के लिए प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी। निर्मला देवी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने छात्रों को ज्यादा नंबर और पैसे देने का लालच दिया था और कुछ अधिकारियों के साथ ‘एडजस्ट’ करने की सलाह दी थी। हालांकि, वह इन आरोपों से इनकार कर रही हैं। राज्यपाल ने भी कहा है कि वे निर्मला देवी को नहीं जानते हैं।
यह मामला तो चल ही रहा था कि राज्यपाल की महिला पत्रकार के साथ की गई इस नई हरकत ने तूल पकड़ लिया। विपक्षी दल द्रमुक ने घटना को संवैधानिक पद पर बैठे एक व्यक्ति का ‘अशोभनीय ’ कृत्य करार दिया।
द्रमुक की राज्यसभा सदस्य कनिमोई ने ट्वीट किया , “अगर संदेह नहीं भी किया जाए तब भी सार्वजनिक पद पर बैठे एक व्यक्ति को इसकी मर्यादा समझनी चाहिए और एक महिला पत्रकार के निजी अंग को छूकर गरिमा परिचय नहीं दिया या किसी भी इंसान द्वारा दिखाया जाने वाला सम्मान नहीं दर्शाया।”
द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने भी ट्वीट कर कहा , “यह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का अनुपयुक्त कृत्य है।”
राज्यपाल के ऐसा करने के बाद महिला पत्रकार लक्ष्मी सुब्रमण्यम ने अपनी पत्रिका में एक लेख भी लिखा, जिसमें उन्होंने राज्यपाल के कृत्य को दुखद और गलत बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “इस घटना के बाद मैंने कई बार अपना मुंह धोया, लेकिन मैं इस बात को भुला नहीं पा रही थी।”
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