PM के दौरे पर तेजस्वी का निशाना, 'बिहार बड़े-बड़ों को देता है सुधार, देखो! ये दिखाने लगे हैं प्यार, फिर आ रहे हैं बिहार'
तेजस्वी यादव ने अपनी पोस्ट में 11 बिंदुओं में प्रधानमंत्री की “संभावित गतिविधियों” का विवरण देते हुए व्यंग्य किया और कहा कि यह दौरा "जुमलों की मूसलाधार बारिश", "पुराने वादों का प्रायश्चित" और "टेलीप्रॉम्प्टर अभिनय" से भरपूर रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार दौरे पर रहेंगे। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी के दौरे पर व्यंग्यात्मक लहजे में सवालों की झड़ी लगा दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट कर प्रधानमंत्री की मंशा, वादों और भाषणों पर तीखा कटाक्ष किया।
तेजस्वी ने अपनी पोस्ट में 11 बिंदुओं में प्रधानमंत्री की “संभावित गतिविधियों” का विवरण देते हुए व्यंग्य किया और कहा कि यह दौरा "जुमलों की मूसलाधार बारिश", "पुराने वादों का प्रायश्चित" और "टेलीप्रॉम्प्टर अभिनय" से भरपूर रहेगा।
तेजस्वी के मुख्य आरोप और तंज
सावन में मटन पार्टी पर तंज: तेजस्वी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मंच पर ऐसे नेताओं को सम्मानित करेंगे जो सावन के पावन महीने में मटन पार्टी करते हैं, और इससे अपने कथित "दोहरे प्रवचनों" का सार्वजनिक प्रदर्शन करेंगे।
तेजस्वी का यह तंज केंद्रीय मंत्री ललन सिंह को लेकर है, जिन्होंने लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा में एक कार्यक्रम के बाद यहां आए लोगों को मटन पार्टी दी। सावन के महीने में खुद मटन परोसते नजर आए।
पुराना वादा अधूरा: तजेस्वी ने याद दिलाया कि 132 महीने पहले मोतिहारी में चीनी मिल शुरू करने और वहां की चीनी से चाय पीने का वादा आज भी अधूरा है। तेजस्वी ने कटाक्ष किया कि इसका दोष शायद सम्राट अशोक या चंद्रगुप्त मौर्य पर मढ़ा जाएगा।
अपराध और किसानों पर राजनीति: तेजस्वी का कहना है कि बिहार में अपराध की स्थिति का ठीकरा 50 साल पुरानी सरकारों पर फोड़ा जाएगा, जबकि किसानों को अपराधी कहने वाली पुलिस को सम्मानित किया जाएगा।
जुमलों की बारिश: उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री “इतनी जुमलों की बारिश करेंगे कि इंद्र देवता भी शरमा जाएं।”
टेलीप्रॉम्प्टर पर व्यंग्य: तेजस्वी ने तंज कसा कि पीएम मोदी पहले से लिखी स्क्रिप्ट को टेलीप्रॉम्प्टर से देखकर "घिसी-पिटी घोषणाएं" दोहराएंगे।
नीतीश कुमार पर चुप्पी: तेजस्वी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री यह स्पष्ट नहीं करेंगे कि चुनाव के बाद भी नीतीश कुमार एनडीए के मुख्यमंत्री चेहरा होंगे या नहीं।
शिक्षा और खर्च पर सवाल: उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री की रैली के लिए जिले के स्कूलों को दो दिन से बंद कराया गया है, और एक गरीब राज्य के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च कर कुछ घंटों में दिल्ली लौटना दिखाता है कि प्राथमिकता किस ओर है।
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