तेलंगाना सीएम को बादल फटने में दिख रही विदेशी साजिश, कहा- कुछ देशों का हाथ होने की चर्चा

चंद्रशेखर राव ने एक राहत शिविर में बाढ़ प्रभावित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बादल फटना कुछ तो नया है। ऐसा कहा जाता है कि इसके पीछे कोई साजिश है। मुझे नहीं पता कि यह कहां तक सही है। कहा जाता है कि कुछ देश हमारे देश में बादल फटने का कारण बन रहे हैं।

फोटोः @TelanganaCMO
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नवजीवन डेस्क

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने रविवार को गोदावरी नदी में आई बाढ़ के पीछे किसी साजिश का संदेह जताया है। गोदावरी बाढ़ से प्रभावित भद्राचलम शहर के दौरे के दौरान उन्होंने कहा कि अचानक बादल फटने को कुछ देशों की साजिश बताया जा रहा है। ऐसा पहले कश्मीर और उत्तराखंड में हुआ और अब यहां हुआ।

सीएम चंद्रशेखर राव ने एक राहत शिविर में बाढ़ प्रभावित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "बादल फटना कुछ तो नया है। ऐसा कहा जाता है कि इसके पीछे कोई साजिश है। मुझे नहीं पता कि यह कहां तक सही है। कहा जाता है कि कुछ देश हमारे देश में बादल फटने का कारण बन रहे हैं। ऐसा पहले कश्मीर और उत्तराखंड में हुआ था।"

पिछले कुछ दिनों में तेलंगाना के गोदावरी जलग्रहण क्षेत्र और ऊपर की ओर महाराष्ट्र में भारी बारिश से अचानक बाढ़ आ गई, जिससे तेलंगाना के कुछ जिलों में नदी के किनारे के निचले गांवों और कस्बों में पानी भर गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि मौसम विभाग ने 29 जुलाई तक बारिश की भविष्यवाणी की है, इसलिए अधिकारियों को अलर्ट पर रहना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा, "खतरा अभी भी टला नहीं है। आपको सतर्क रहना होगा।"


उन्होंने अधिकारियों से बारिश पूरी तरह से बंद होने तक राहत शिविरों को जारी रखने के लिए भी कहा। भद्राचलम कस्बे और निचले इलाकों के गांवों में रिहायशी इलाकों में पानी भरने की समस्या का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इसका स्थायी समाधान निकालेगी। उन्होंने घोषणा की कि सरकार और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड भद्राचलम और पिनापाका निर्वाचन क्षेत्रों में समस्या के समाधान के लिए 1,000 करोड़ रुपये खर्च करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊंचे स्थान पर 2,000 से 3,000 घरों की कॉलोनी बनाई जाएगी ताकि गोदावरी में जल स्तर 90 फीट तक बढ़ने पर भी बाढ़ का कोई खतरा न हो। नदी के किनारे का निरीक्षण करने वाले सीएम केसीआर ने कहा कि सरकार नदी तट को मजबूत करके बाढ़ का स्थायी समाधान खोजने के लिए केंद्रीय जल आयोग के विशेषज्ञों और आईआईटी के प्रोफेसरों को शामिल करेगी। उन्होंने प्रत्येक प्रभावित परिवार के लिए 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की। सरकार अगले दो महीनों के लिए प्रत्येक परिवार को 20 किलो मुफ्त चावल भी देगी।


सरकार द्वारा खोले गए राहत शिविरों में कुल 7,274 परिवारों ने शरण ली है। इससे पहले, मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों के साथ, केसीआर ने गोदावरी नदी में बाढ़ की समाप्ति की प्रार्थना करने के लिए पूजा की। उन्होंने बारिश के बावजूद जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए जिला कलेक्टर और अधिकारियों की सराहना की।

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