तेलंगाना ने केंद्र से नई संसद का नाम अंबेडकर पर रखने की मांग की, विधानसभा में पास किया प्रस्ताव

कांग्रेस विधायक दल के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने एक दिन पहले सीएम केसीआर से विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कराने का आग्रह किया था जिसमें केंद्र से अनुरोध किया जाए कि नए संसद भवन का नाम डॉ. बीआर अंबेडकर पर हो। केसीआर ने भी इस पर सहमति जताई थी।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

तेलंगाना सरकार ने मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों से सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पास कराकर केंद्र की मोदी सरकार से दिल्ली में नए संसद भवन का नाम संविधान के निर्माता डॉ. बी.आर. अंबेडकर के नाम पर रखने की मांग की है। विधानमंडल के दोनों सदनों ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार द्वारा पेश प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया।

राज्य के उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी, नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास मंत्री के. टी. रामा राव ने सदन में प्रस्ताव पेश किया। एआईएमआईएम और कांग्रेस पार्टी ने प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि बीजेपी विधायक सदन में मौजूद नहीं थे। स्पीकर पी. श्रीनिवास रेड्डी ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित करने की घोषणा की।

प्रस्ताव पेश करते हुए के. टी. रामाराव ने कहा कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सोमवार को भारत रत्न डॉ. अंबेडकर की महानता के बारे में बात की। रामाराव ने कहा कि अंबेडकर ने देश को दिशा दिखाई और नए संसद भवन का नाम रखने के लिए उनसे बेहतर कोई व्यक्ति नहीं है।
रामा राव ने कहा कि अंबेडकर सामाजिक न्याय, लोकतंत्र की महानता और राष्ट्रीय एकता के प्रतीक हैं। उन्होंने सभी प्रकार के भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी। वह समानता में दृढ़ विश्वास रखते थे।


टीआरएस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी और नेता केसीआर ने 14 साल के लंबे संघर्ष के बाद तेलंगाना राज्य हासिल करने के लिए अंबेडकर के सिद्धांतों का पालन किया। उन्होंने कहा कि अगर भारत के संविधान में अनुच्छेद 3 नहीं होता, तो कोई नया राज्य नहीं होता। केटीआर ने कहा कि अंबेडकर ने लोकतंत्र को सरकार की पद्धति के रूप में परिभाषित किया है, जिससे लोगों के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन बिना रक्तपात के लाए जाते हैं।

कांग्रेस विधायक दल के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क और एआईएमआईएम सदस्य अहमद बलाला ने प्रस्ताव का समर्थन किया। सोमवार को विधानसभा में बोलते हुए विक्रमार्क ने सीएम केसीआर से विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया था जिसमें केंद्र से अनुरोध किया जाए कि नए संसद भवन का नाम डॉ. बी.आर. अंबेडकर पर हो। केसीआर ने इस सुझाव पर सहमति जताई और कहा कि नए संसद भवन का नाम रखने के लिए इससे बेहतर कोई व्यक्ति नहीं हो सकता।

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