तेलंगाना की राज्यपाल ने फोन टैपिंग का जताया शक, TRS सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

राज्यपाल ने विधायकों की कथित खरीद फरोख्त मामले में राजभवन को घसीटने के लिए सत्तारूढ़ टीआरएस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह एक झूठा आरोप है। मेरा कार्यालय पारदर्शी है और मेरे सभी काम खुले में हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

तेलंगाना की टीआरएस सरकार के साथ बढ़ती अनबन के बीच राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने बुधवार को कहा कि उन्हें संदेह है कि उनका फोन टैप किया जा रहा है और आरोप लगाया कि राज्य में अलोकतांत्रिक स्थिति है। उन्होंने राजभवन में कहा कि मुझे डर है कि मेरा फोन टैप हो गया है। मेरी निजता का उल्लंघन हो रहा है। राज्यपाल ने विधायकों की कथित खरीद फरोख्त मामले में राजभवन को घसीटने के लिए सत्तारूढ़ टीआरएस पर निशाना साधा।

राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने कहा कि आधिकारिक टीआरएस हैंडल ने दावा किया कि राजभवन मामले में शामिल है। यह एक झूठा आरोप है। मेरा कार्यालय पारदर्शी है और मेरे सभी काम खुले में हैं। उन्होंने कहा कि टीआरएस ने तुषार का जिक्र किया। वह मेरे एडीसी थे। तुषार मुझे दीपावली की शुभकामनाएं देने के लिए दो दिनों से बुला रहे थे। उसके बाद ही उन्होंने तुषार के नाम का जिक्र किया। वह तुषार वेल्लापल्ली का जिक्र कर रही थीं, जिन्होंने 2019 में बीजेपी के टिकट पर वायनाड में राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था।


इससे पहले 3 नवंबर को एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा था कि टीआरएस के चार विधायकों को लुभाने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों में से एक ने तुषार से फोन पर बात की थी। केसीआर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ तुषार की एक तस्वीर भी जारी की।

राज्यपाल ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने तेलंगाना यूनिवर्सिटी कॉमन रिक्रूटमेंट बोर्ड बिल, 2022 सहित राज्य सरकार द्वारा राजभवन को भेजे गए बिलों को रोक रखा है। उन्होंने कहा कि वह विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति के लिए अपनाई जाने वाली नई प्रक्रिया पर राज्य सरकार से कुछ स्पष्टीकरण चाहती हैं। राज्यपाल ने कहा कि उनकी कार्रवाई को इस तरह पेश किया गया जैसे कि वह भर्ती की प्रक्रिया को रोक रही हों।

उन्होंने दावा किया कि जब से राज्यपाल के रूप में शपथ ली है, वह सरकार को खाली पदों, शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों को जल्द से जल्द भरने का सुझाव दे रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह सरकार से जानना चाहती हैं कि जब एक प्रक्रिया पहले से ही है तो एक नया भर्ती बोर्ड क्यों बनाया जाए और नई प्रक्रिया का क्या पालन किया जा रहा है, बोर्ड का गठन कैसे किया जाना है और क्या यह यूजीसी के नियमों के अनुसार होगा।

सुंदरराजन ने यह भी दावा किया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने के बाद ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह स्पष्टीकरण देने के लिए राजभवन जाएंगी। विधेयक को मंजूरी में देरी होने पर राजभवन की घेराबंदी करने की धमकी देने वाले छात्रों के एक निकाय पर राज्यपाल ने कहा कि राजभवन आने और अपना ज्ञापन सौंपने के लिए छात्रों का स्वागत है।


उन्होंने कहा कि राजभवन के दरवाजे खुले हैं। यह प्रगति भवन (मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास) जैसा नहीं है। मैंने राजभवन का लोकतंत्रीकरण किया है। इस आरोप को दोहराते हुए कि उनके जिलों के दौरे के दौरान राज्यपाल के प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा था, उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने वाले कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।

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