तेलंगाना में लोकतंत्र की हत्या की कोशिश? TRS के 4 विधायकों को खरीदने का प्रयास, हुआ चौंकाने वाला खुलासा!

पुलिस के मुताबिक, हिरासत में लिए गए लोगों ने अपनी पहचान हरियाणा के फरीदाबाद के सतीश शर्मा उर्फ ​​राम चंद्र भारती, तिरुपति के डी सिम्हायाजी और एक व्यापारी नंदकुमार के रूप में की है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

तेलंगाना में टीआरएस विधायकों की खरीद-फरोख्त की खबर सामने आने के बाद सियासत गरमा गई है। इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस आगे की जांच कर रही है। साइबराबाद के पुलिस कमिश्नर स्टीफन रवींद्र के मुताबिक, चार विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई। उन्होंने बताया कि शिकायत के बाद अजीज नगर स्थित फार्महाउस की तलाशी ली गई। टीआरएस विधायकों ने पुलिस को बताया कि उन्हें पार्टी बदलने के लिए लालच और रिश्वत की पेशकश की गई। पार्टी बदलने के लिए बड़ी रकम, कॉन्ट्रेक्ट और पद के ऑफर किए गए।

चौंकाने वाली बात आई सामने

खबरों के मुताबिक, महाराष्ट्र की तर्ज पर यह ऑपरेशन प्लान किया गया था। डील कराने वाले को 100 करोड़ रुपए और हर विधायक को 50-50 करोड़ रुपए ऑफर किए गए थे। इसमें पी रोहित रेड्डी समेत चार लोगों के नाम सामने आए हैं।


हिरासत में लिए गए लोग कौन हैं?

खबरों के मुताबिक, तीन लोग हैदराबाद आए थे, और कई दिनों से वह विधायकों से संपर्क में थे। यह लोग फर्जी पहचान के आधार पर हैदराबाद आए थे। इन्होंने विधायक रोहित रेड्डी के साथ एक 100 करोड़ रुपये की डील की। हर एक विधायक को पार्टी बदलने के लिए 50 करोड़ रुपये का ऑफर भी दिया। बताया जा रहा है कि तेंडूर विधायक पी रोहित रेड्डी के फार्म हाउस पर यह पेशकश की गई, जिसका जिक्र शिकायत में किया गया।

पुलिस के मुताबिक, हिरासत में लिए गए लोगों ने अपनी पहचान हरियाणा के फरीदाबाद के सतीश शर्मा उर्फ ​​राम चंद्र भारती, तिरुपति के डी सिम्हायाजी और एक व्यापारी नंदकुमार के रूप में की है। फिलहाल चारों विधायकों को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास प्रगति भवन ले जाया गया।

पूरे मामले पर TRS ने क्या कहा?

टीआरएस के सोशल मीडिया के संयोजक सतीश रेड्डी ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो में होटल व्यवसायी नंदू की ओर इशारा किया गया और आरोप लगाया गया कि यह केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी के करीबी हैं और टीआरअस के विधायकों को रिश्वत देने की कोशिश करने वालों में से एक है।

टीआरएस के प्रवक्ता कृष्णक ने इस खरीद-फरोख्त के लिए बीजेपी को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि एक बात बहुत स्पष्ट है कि केसीआर के विधायक बिकने के लिए नहीं हैं। मुनुगोड़े उप-चुनाव से ठीक पहले स्वामीजी समेत कई राजनीतिक दलालों के माध्यम से टीआरएस के 4 विधायकों तोड़ने की कोशिश करते बीजेपी नेता रंगे हाथों पकड़े गए हैं। इसमें बीजेपी ने सैकड़ों करोड़ रुपये और कॉन्ट्रैक्ट की पेशकश की।


BJP पर लग चुके हैं गंभीर आरोप

  • साल 2019 के बाद से ऐसे दावे किए जाते रहे हैं कि बीजेपी तेलंगाना में ‘ऑपरेशन लोटस शुरू करने की कोशिश कर रही है।

  • अगस्त महीने में खबर सामने आई थी कि बीजेपी के एक नेता ने दावा किया है कि टीआरएस के करीब 18 विधायक जल्द ही बीजेपी में शामिल होंगे।

  • इस तरह के दावों को महाराष्ट्र की उस सियासी हलचल के बाद और हवा मिली, जब एकनाथ शिंदे के बीजेपी समर्थित विद्रोह ने इस साल की शुरुआत में उद्धव ठाकरे सरकार को गिरा दिया था।

  • हाल ही में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी दावा किया था कि दिल्ली और पंजाब में भाजपा विधायकों को अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रही है।

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