कासगंज: ताजा हिंसा की खबर, बीजेपी नेताओं के विवादित बयान, जिंदा सामने आया ‘मृत’ राहुल उपाध्याय 

उत्तर प्रदेश के कासगंज में नए सिरे से उपद्रव की खबरें मिल रही हैं, उधर ‘मृत’ राहुल उपाध्याय ने सामने आकर कहा है कि वह जिंदा है। इस बीच कासगंज को लेकर कई बीजेपी नेताओं के विवादित बयान सामने आए हैं।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उपद्रव की ताजा खबर

उत्तर प्रदेश के कासगंज में भारी पुलिस की मौजूदगी और शांति की कोशिशों के बावजूद माहौल गर्माया हुआ है। ताजा जानकारी के मुताबिक बीती रात एक दुकान में आग लगा दी गई, जबकि मंगलवार को एक धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ की खबरें आई हैं। मौके पर भारी तादाद में पुलिस बल को भेजा गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि कर्फ्यू और भारी पुलिस बल की मौजदूगी के बावजूद ऐसी वारदातें रुक क्यों नहीं रहीं?

सामने आए ‘मृत’ राहुल उपाध्याय

उधर पुलिस और प्रशासन कासगंज की हिंसा के बाद अफवाहों को रोकने में भी नाकाम साबित हो रहा है। ताजा अफवाह राहुल उपाध्याय नाम के शख्स की मौत की है। दंगों में उनकी मौत खबरें आने के बाद खुद राहुल उपाध्याय ने सामने आकर कहा कि “वह जिंदा हैं”। 24 वर्षीय राहुल उपाध्याय को लगातार फोन आ रहे थे। राहुल ने बताया कि, “शनिवार को मुझे फोन आया और मुझसे पूछा गया कि मैं जिंदा हूं या मेरी मौत हो गई। उसके बाद में और भी कई कॉल्स आए, सबने यही सवाल पूछा, तब मुझे समझ में आया कि कुछ तो गड़बड़ है।”

इसके बाद राहुल ने अलीगढ़े के आईजी संजीव गुप्ता से संपर्क किया, जिन्होंने राहुल को सलाह दी वह जितना संभव हो सके मीडिया से संपर्क करे। आईजी ने रिपोर्टर्स को बताया, ‘सोशल मीडिया पर जो अफवाह फैल रही है वह सही नहीं है, राहुल उपाध्याय जिंदा है।’

बीजेपी नेताओं के विवादित बयान

इस बीच बीजेपी नेता भी भड़काने वाले बयान दे रहे हैं। बीजेपी सासंद विनय कटियार ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि “कासगंज में पाकिस्तान परस्त लोगों ने चंदन की हत्या की है।” है। उन्होंने कहा कि, “कासगंज में जो कुछ हुआ वह दुखद है। वहां जल्दी से कोई तनाव होता नहीं है। वहां पाकिस्तान परस्त लोग आ गए हैं, जो राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। वे पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगा रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी।”

उधर केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि यह घटना बताती है कि राष्ट्रविरोधी तत्व तिरंगा यात्रा को बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, “यूपी सरकार कड़े ऐक्शन ले रही है। ऐसी घटनाओं को सहन नहीं किया जा सकता।”

इस बीच उत्तर प्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेता और योगी सरकार में मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने सांप्रदायिक दंगे को छोटी घटना करार दिया। सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि, “किसी घटना को इतना तूल नहीं दिया जाना चाहिए। यह एक छोटी घटना हुई है, जिसमें दो लोगों के साथ हादसा हुआ है। सरकार गंभीर है और कार्रवाई कर रही है।”

गौरतलब है कि कानून व्यवस्था में सुधार के बड़े बड़े दावे करने वाली योगी सरकार कासगंज की घटना के बाद बुरी तरह घिरी हुई नजर आ रही है।

डीजीपी ने जारी किए नए निर्देश

चौतरफा आलोचना के बाद उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने का निर्देश जारी किया है। सोमवार देर रात जारी निर्देश में कहा गया है कि किसी भी सांप्रदायिक तनाव के बाद मामले में दोषियों का अतिशीघ्र पता लगाकर कार्रवाई की जाए। इतना ही नहीं, दो पक्षों के बीच हुए विवाद को दोनों पक्षों में संवाद कराकर समाधान कराएं। अराजक तत्वों के मंसूबों को समय रहते निष्क्रिय करें। इसके लिए इंटेलिजेंस रिपोर्ट, लोकल इंटेलिजेंस यूनिट और जनता से भी सहयोग लिया जाए।

इस निर्देश में साफ लिखा गया है कि ऐसे तत्व, जिनके भ्रमण आदि से सांप्रदायिक सद्भाव एवं समरसता पर विपरीत प्रभाव पड़ता हो, उनके संबंध में निरोधात्मक कार्रवाई की जाए। हर संवेदनशील स्थल पर सीसीटीवी से निगरानी करें। डीजीपी ने कहा है कि, "हर ऐसे मामले पर नजर रखें, जिनके कारण सांप्रदायिक विद्वेष की स्थिति बन सकती है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारी खुद मौके पर पहुंचे। दोषी व्यक्तियों के खिलाफ फौरन कार्रवाई हो।"

पुलिस मुखिया की ओर से जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि जिन स्थानों पर सांप्रदायिक घटनाएं हुई हैं, वहां अराजक तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाए। जनपद स्तर पर महत्वपूर्ण अवसरों, जैसे धार्मिक पर्व, रैली, शोभा यात्रा आदि का वार्षिक कैलेंडर रखा जाए और सांप्रदायिक घटना के बाद जुलूस निकालने की संभावना को देखते हुए पर्याप्त सुरक्षा दी जाए।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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