शामली में जिस ढाबे पर राहुल-प्रियंका ने पी चाय, खुशी में दोगुनी चीनी डाल दी ढाबा मालिक ने

पुलवामा आतंकी हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने शामली जाने के दौरान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी कैराना के जिस ढाबे पर रुके थे, उसके मालिक की खुशी का ठिकाना नहीं है। उसका कहना है कि उसके हाथ की बनी चाय देश के होने वाले प्रधानमंत्री ने पी है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आस मोहम्मद कैफ

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना से 2 किमी दूर हरियाणा की और जाने वाली सड़क पर यमुना ब्रिज से पहले सड़क के बाईं ओर शिव शक्ति नाम का एक ढाबा है। बुधवार से इस ढाबे पर काफी चहल-पहल है। आसपास के लोग ढाबे पर कुछ खाने-पीने से ज्यादा इसके मालिक को देखने आ रहे हैं। दरअसल एक दिन पहले बुधवार को दोपहर डेढ़ बजे अचानक इस ढाबे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पहुंचे थे। वे दोनों ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज बब्बर के साथ शामली गांव में पुलवामा में शहीद हुए दो जवानों की श्रद्धांजलि सभा में जा रहे थे।

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के आने के बाद से ढाबे का 18 वर्षीय मालिक सचिन फुले नहीं समा रहे हैं। कल वह पूरी रात सोया नहीं है। आसपास के लोगों का कहना है कि बुधवार दोपहर बाद से वह पूरे गांव में चिल्लाता घूम रहा था कि मेरे ढाबे पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आई थीं।

फोटोः आस मोहम्मद कैफ
फोटोः आस मोहम्मद कैफ

सचिन पास के ही गांव मविकलां के रहने वाले हैं। कश्यप परिवार के इस ढाबे को तीन भाई मिलकर चलाते हैं। कुल 7 बीघा जमीन वाले इस परिवार ने अपनी ही जमीन पर ढाबा बनाया है। अब इसी ढाबे से उनका परिवार चलता है। सचिन ने बारहवीं तक पढ़ाई की है। पहले यह ढाबा उसके पिता चलाते थे। अब उनका देहांत हो चुका है। सचिन का छोटा भाई रवि भी उसका हाथ बंटाता है।

राहुल और प्रियंका के आने के बाद से सचिन अभी तक उसी खुमारी में है। वह कहता है, “हमारे ढाबा के पास में आरटीओ का दफ्तर है, जहां गाड़ियां आती रहती हैं। कल दोपहर मैं ढाबे पर ही था कि तभी 5-6 बड़ी गाड़ियां आईं और सीधे हमारे ढाबे पर आकर रुकीं। मैं समझा कि कोई बढ़िया ग्राहक आया है। लेकिन तभी सबसे आगे वाली गाड़ी से राहुल गांधी उतरे। यह देखकर तो मैं दंग रह गया।”

शामली में जिस ढाबे पर राहुल-प्रियंका ने पी चाय, खुशी में दोगुनी चीनी डाल दी ढाबा मालिक ने

सचिन ने आगे कहा, “एक बार तो ऐसा लगा कि सपना देख रहा हूं। फिर उसके बाद एक गाड़ी से प्रियंका गांधी बाहर निकलीं। मैं मोबाइल पर खबरें देखता रहता हूं। मैंने तुरंत पहचान लिया। उन्होंने ढाबे में आकर पूछा चाय मिलेगी। मैंने कहा जरूर मिलेगी और एक नंबर मिलेगी। बिना पानी की असली दूध में कुल 25 चाय बनी। उन्होंने हमें 600 रुपये पेमेंट किया। उनके चाय पीने के बाद मैंने पूछा कैसी थी, तो राहुल जी ने कहा कि अच्छी थी। हालांकि साथ में जो थे (सिंधिया) उन्होंने कहा थोड़ा मीठा तेज था।”

शामली में जिस ढाबे पर राहुल-प्रियंका ने पी चाय, खुशी में दोगुनी चीनी डाल दी ढाबा मालिक ने

सचिन कहते हैं, “बस चाय थोड़ी ज्यादा मीठी हो गई। मुझे खुशी में पता ही नहीं चला। एक बार उन्हें चाय जरूर पिलाऊंगा। बहुत अच्छे लोग हैं। हम तो समझते थे बहुत बड़े लोग है तो इनका चाय-खाना अलग होता होगा, लेकिन वे तो हमारे जैसे ही हैं।”

चाय के बारे में बात करते हुए सचिन ने बताया, “वे लोग 15-20 मिनट ढाबे पर रुके। इस दौरान पास में ही एक ऑटो खड़ा था, जिसमें कुछ महिला सवारियां बैठी थीं। राहुल-प्रियंका को देख वे उतर कर उनकी तरफ आने लगीं तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका नहीं, बल्कि आने दिया। उनमें से एक लड़की को प्रियंका जी ने अपनी गोद मे बैठा लिया। ये लोग तो बहुत सादे लोग हैं, बिल्कुल हमारे जैसे। हमारे यहां के तो विधायक भी हवा में रहते हैं।”

शामली में जिस ढाबे पर राहुल-प्रियंका ने पी चाय, खुशी में दोगुनी चीनी डाल दी ढाबा मालिक ने

अपनी खुशी के बारे में बताते हुए सचिन ने कहा, “इसके बाद वे चले गए, तो मैं फौरन भागकर अपने गांव गया और अपनी मम्मी को उनके बारे में बताया और फिर सबको बताया। शुरू में गांव में किसी ने मेरी बात पर यकीन नहीं किया, लेकिन कुछ देर बाद कुछ लोग मान गए और आज तो मैं बिल्कुल हीरो बन गया हूं। आखिरकार मेरे हाथ की चाय देश के होने वाले प्रधानमंत्री ने पी है।”

सचिन बाहरवीं तक पढ़े लिखे हैं। उनके गांव में उनसे ज्यादा पढ़े-लिखे लड़कों की नौकरी नहीं लगी है। इसलिए वह ढाबा चलाते हैं। उन्हें राजनीति की कोई जानकारी नहीं है। सचिन ने कभी वोट भी नहीं दिया है, लेकिन वह कहते हैं, “राहुल बहुत अच्छे आदमी हैं। उन्होंने बुलाकर हमें अपने पास खड़ा किया और फोटो खिंचवाया।”

गुरुवार सुबह से ही सचिन के ढाबे पर चहल-पहल है। मीडिया में खबर आने के बाद वह किसी सेलिब्रिटी जैसा महसूस कर रहे हैं। सचिन कहते हैं, “आज तो बड़े-बड़े लोग भी आकर कह रहे हैं कि- और सचिन भाई क्या हाल है!”

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बुधवार को जिस वक्त राहुल और प्रियंका ढाबे पर रुके थे, उसी समय वकालत की पढ़ाई करने वाले कैराना के एक युवक अरशद मलिक उधर से गुजर रहे थे। वह भागकर उनके पास पहुंचे और उनके साथ फोटो की गुजारिश की। अरशद मलिक बताते हैं, “कोई कुछ भी कहे मगर वे देश की सबसे अमूल्य और मजबूत हस्ती हैं। गांधी परिवार देश की पहचान है। मेरे आग्रह पर उन्होंने बेहद विनम्रता दिखाई। यह मेरी जिंदगी का यादगार फोटो है।” कैराना के शुएब अंसारी कहते हैं, “कैराना में राहुल-प्रियंका की सादगी की चर्चा हो रही है, अगर पता चल जाता कि वे आ रहे हैं तो हजारों लोग सड़कों पर पहुंच जाते।”

गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के साथ शामली में शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। उनके यहां आने का कार्यक्रम पहले से तय नहीं था। राहुल और प्रियंका ने शामली पहुंचकर पुलवामा में शहीद हुए प्रदीप और अमित कुमार के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। वे दोनों 2 घंटे से ज्यादा देर तक गांव में रुके रहे।

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