हैदराबाद रेप केस में आरोपियों का एनकाउंटर फर्जी था, पुलिस वालों पर हत्या का मुकदमा चलाने की सिफारिश

जस्टिस वीएस सिरपुरकर जांच आयोग ने साफ कहा है कि इस फर्जी मुठभेड़ के दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने जांच रिपोर्ट तेलंगाना हाईकोर्ट को भेजने का निर्देश देते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने को कहा है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

हैदराबाद की वेटनरी डॉक्टर के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के चार आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मौत पर सुप्रीम कोर्ट के जांच आयोग की रिपोर्ट आ गई है। आयोग ने एनकाउंटर को फर्जी माना है। सिरपुरकर जांच आयोग ने इस मामले में अपनी जांच रिपोर्ट में एनकाउंटर में शामिल 10 पुलिस वालों पर हत्या का केस चलाने की सिफारिश की है। इस एनकाउंटर के लिए हैदराबाद पुलिस की देश भर में वाहवाही हुई थी।

सिरपुरकर जांच आयोग ने रिपोर्ट में साफ कहा है कि कथित चारों आरोपियों का फर्जी एनकाउंटर किया गया था। जस्टिस वीएस सिरपुरकर जांच आयोग ने कहा है कि इस फर्जी मुठभेड़ के दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने जांच रिपोर्ट तेलंगाना हाईकोर्ट को भेजने का निर्देश देते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने को कहा है।

हैदराबाद में 27 नवंबर 2019 को 27 साल की एक वेटनरी डॉक्टर का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। डॉक्टर का शव शादनगर इलाके में एक पुल के नीचे जली हुई अवस्था में मिला था। इसके बाद हैदराबाद पुलिस ने चार आरोपियों - मोहम्मद आरिफ, चिंताकुंटा चेन्नाकेशवुलु, जोलू शिवा और जोलू नवीन को सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था।


लेकिन कुछ ही घंटों बाद एनएच-44 पर पुलिस एनकाउंटर में इन चारों आरोपियों की मौत की खबर ने सबको चौंका दिया। इसी राजमार्ग के पुल के नीचे 27 वर्षीय पशु चिकित्सक का जला हुआ शव मिला था। इसके बाद इस मामले पर पूरे देश में बहस छिड़ गई थी। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एनकाउंटर की जांच करने के लिए जस्टिस वीएस सिरपुरकर की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया था।

जांच आयोग की रिपोर्ट पर प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, जस्टिस सूर्य कांत और हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि यह एनकाउंटर से संबंधित है, इसमें छिपाने जैसा कुछ नहीं है। आयोग ने किसी को दोषी माना है, हम रिपोर्ट तेलंगाना हाईकोर्ट को भेज रहे हैं। सवाल यह है कि इस पर क्या कार्रवाई होनी चाहिए। आयोग ने कुछ सिफारिश की है। इसके साथ ही कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया कि वह दोनों पक्षों को रिपोर्ट की प्रति मुहैया कराए।

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Published: 20 May 2022, 6:43 PM