NRC पर सड़क से लेकर संसद तक संग्राम, सरकार ने लिखित में कहा- पूरे देश में लागू करने पर फिलहाल कोई फैसला नहीं
देश के कई हिस्सों में सीएए और एनआरसी के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच गृह मंत्रालय ने साफ किया है कि उनकी एनआरसी लाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में ये जानकारी दी।
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। दोनों सदनों में भी सीएए और एनआरसी के खिलाफ हंगामा देखने को मिल रहा है। विपक्षी सांसदों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ सदन में नारेबाजी की। इस बीच सरकार ने लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए एनआरसी पर कहा है कि अभी तक एनआरसी तैयार करने पर कोई निर्णय नहीं किया गया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में लिखित जवाब में ये बात कही है। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि बीजेपी नेता देश को गुमराह क्यों कर रहे हैं। इससे पहले गृह मंत्री ने राज्य सभा में कहा था कि पूरे देश में एनआरसी लगाएंगे। अब लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित में जवाब दिया कि हम पूरे देश में एनआरसी लागू करने का फैसला फिलहाल नहीं लिए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कौन झूठ बोल रहा है और कौन सच? और देश की जनता किस पर भरोसा करें।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में चंदन सिंह और नमा नागेश्वर राव के प्रश्नों के लिखित में जवाब देते हुए कहा, ‘‘अभी तक एनआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।’’ बता दें कि सदस्यों ने सवाल किया था कि क्या सरकार की पूरे देश में एनआरसी लाने की कोई योजना है?
गौरतलब है कि इसके पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में ऐलान किया था कि एनआरसी प्रक्रिया को पूरे देश में लागू किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा। अमित शाह के इस बयान के बाद पूर्वोत्तर के कई राज्यों में एनआरसी को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। असम, त्रिपुरा और बंगाल में सबसे ज्यादा हिंसा हुई थी।
यही नहीं दिल्ली की कई रैलियों में बीजेपी नेता कह चुके हैं कि पूरे देश में एनआरसी लागू करेंगे। दरअसल एनआरसी को लेकर लोगों में डर का माहौल है। लोगों को डर है कि अगर वे अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाए, तो उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा। लेकिन रामलीला मैदान में एक रैली में पीएम मोदी ने डिटेंशन सेंटर के दावों का पुरजोर खंडन किया था। उनका कहना था कि हिंदुस्तान में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है। विपक्ष ने पीएम मोदी के इस दावे पर भी सवाल उठाए थे, क्योंकि खुद संसद में सरकार ये मान चुकी है कि देश में न सिर्फ डिटेंशन सेंटर हैं, बल्कि इनमें हजारों लोगों को कैद करके भी रखा गया है। असम के माटिया गांव में ढाई हेक्टेयर ज़मीन पर देश का पहला और सबसे बड़ा डिटेंशन सेंटर बना है।
अब ऐसे में फिर से सवाल उठने लगा है कि एनआरसी को लेकर कौन झूठ बोल रहा है और कौन सच? नित्यानंद और अमित शाह के बयानों में साफ साफ अंतर दिखाई दे रहा है।
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Published: 04 Feb 2020, 1:01 PM