राष्ट्रपति को भेंट की गई आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंध संकलन की पहली कॉपी, कोविंद ने उनके योगदान को सराहा

ट्रस्ट की जानकारी देते हुए डॉ अपर्णा का कहना है कि आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी मेमोरियल ट्रस्ट का लक्ष्य आचार्य जी की भारतीय संस्कृति पर वैज्ञानिक दृष्टि तथा भारतीय साहित्य और चिंतन पर उनके विचारों को जन जन तक पहुंचाना है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने आज (मार्च 9, 2022) राष्ट्रपति भवन में आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंध संकलन "भारतीय संस्कृति में मानवीय जिजीविषा" की पहली प्रति आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी मेमोरियल ट्रस्ट की अध्यक्ष एवं निबंध संकलन की संपादक डॉ अपर्णा द्विवेदी से प्राप्त की। इस अवसर पर अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में राष्ट्रपति ने कबीर जैसे कवियों के कृतित्व के प्रसार में आचार्य द्विवेदी के योगदान को सराहा। साथ ही उन्होंने जन-संपर्क भाषा के रूप में हिन्दी के प्रसार पर बल दिया।

राष्ट्रपति को भेंट की गई आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंध संकलन की पहली कॉपी, कोविंद ने उनके योगदान को सराहा

भारतीय परंपरा में आधुनिकता और आधुनिकता में परंपरा के अप्रतिम द्रष्टा, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने भाषा विज्ञान, समालोचना, सांस्कृतिक विमर्श, उपन्यास तथा निबंध के क्षेत्र में नए मार्ग प्रशस्त किए। संत कबीर को महान साहित्यिक कवि के रूप में प्रतिष्ठित करने का श्रेय उन्हें ही दिया जाता है। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के सानिध्य में उनके योगदान ने हमारी साहित्यिक विरासत को समृद्ध किया है।

ट्रस्ट की अध्यक्ष डॉ अपर्णा द्विवेदी ने आचार्य जी के अनूठे निबंधों के इस संकलन के बारे में बताया कि द्विवेदी जी के निबंधों में मनुष्य की जय यात्रा को वाणी मिलती है। वे परम्परा की रूढ़ियों को तोड़कर आधुनिकता का बोध कराते हैं। लोक और शास्त्रों का समन्वय भी उनके लेखन में देखने को मिलता है। उनके लेखन शैली की खास बात है कि वे अपने निबंधों में जटिल से जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं।


राष्ट्रपति को भेंट की गई आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंध संकलन की पहली कॉपी, कोविंद ने उनके योगदान को सराहा

ट्रस्ट की जानकारी देते हुए डॉ अपर्णा का कहना है कि आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी मेमोरियल ट्रस्ट का लक्ष्य आचार्य जी की भारतीय संस्कृति पर वैज्ञानिक दृष्टि तथा भारतीय साहित्य और चिंतन पर उनके विचारों को जन जन तक पहुंचाना है। यह ट्रस्ट 2016 से साहित्य, भाषा, शिक्षा और पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रहा है। इस ट्रस्ट का उद्देश्य आचार्य जी के लेखन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युवाओं तक पहुंचाना, डिजिटल होती हिन्दी भाषा और साहित्य में लोगों की रुचि व जागरूकता बढ़ाना तथा शिक्षा और पर्यावरण के क्षेत्र में काम करना है ।

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी मेमोरियल ट्रस्ट के ट्रस्टी नूपुर पाण्डेय और राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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Published: 09 Mar 2022, 4:41 PM