तेलंगाना में दिखेगा चक्रवाती तूफान मिचौंग का असर! मौसम विभाग ने जारी किया भारी बारिश का अलर्ट

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मुलुगु और भद्राद्रि कोठागुडेम जिलों में 'रेड अलर्ट', सूर्यापेट, महबुबाबाद, वारंगल और हनमकोंडा जिलों में 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

मौसम विभाग ने बंगाल की खाड़ी में आए भीषण चक्रवाती तूफान मिचौंग के प्रभाव के कारण भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। उत्तर और दक्षिण तेलंगाना के कुछ जिलों में मंगलवार को अलर्ट जारी किया गया है। तूफान आंध्र प्रदेश में तट को पार कर गया है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मुलुगु और भद्राद्रि कोठागुडेम जिलों में 'रेड अलर्ट', सूर्यापेट, महबुबाबाद, वारंगल और हनमकोंडा जिलों में 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है।

करीमनगर, पेद्दापल्ली, नलगोंडा, जनगांव, यदाद्री, भूपालपल्ली और नगर कुर्नूल जिलों में 'येलो अलर्ट' जारी किया गया है। इन जिलों में सोमवार रात से मध्यम से भारी बारिश हो रही है।

अधिकारियों ने बताया कि भद्राद्रि कोठागुडेम और मुलुगु जिलों में एनडीआरएफ की एक-एक टीम भेजी गई है। हैदराबाद और उसके उपनगरों में मंगलवार तड़के से बारिश हो रही है। कुछ स्थानों पर सड़कों पर पानी जमा होने से वाहनों का आवागमन प्रभावित हुआ।

खम्मम जिले में भद्राचलम, अस्वरावपेटा, येल्लांदु, अल्लापल्ली और सथुपल्ली जैसी जगहों पर बारिश हो रही है। भारी बारिश के कारण सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड की कुछ खुली खदानों में खनन कार्य प्रभावित हुआ।

इस बीच, आपदा प्रबंधन सचिव राहुल बोज्जा ने जिला कलेक्टरों के साथ टेलीकॉन्फ्रेंस की और भद्राद्री कोठागुडेम, मुलुगु, हनमकोंडा, वारंगल, जनगांव, महबुबाबाद और सूर्यापेट के जिला कलेक्टरों के साथ स्थिति की समीक्षा की।

उन्होंने मंगलवार और बुधवार को भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए अलर्ट रहने को कहा है। अधिकारी ने जिला कलेक्टरों से भारी बारिश और बाढ़ के लिए प्रोटोकॉल के अनुसार कार्रवाई करने को भी कहा।

जिला कलेक्टरों को उन पानी की टंकियों को टूटने से बचाने के लिए कदम उठाने के लिए कहा गया जो पहले से ही पूरी तरह भरी हुई हैं। सिंचाई, आपदा प्रबंधन, सड़क एवं भवन, पंचायत राज और राजस्व विभाग को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है।

राहुल बोज्जा चाहते थे कि अधिकारी बाढ़ की चपेट में आने वाले रास्तों और निचले इलाकों में सभी सावधानियां बरतें। जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया गया कि यदि आवश्यक हो तो निचले इलाकों से लोगों को स्थानांतरित करने के लिए राहत शिविरों की पहचान करें।

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