मोदी सरकार ने एक ही दिन में 20 साल की MGNREGA को किया तबाह, ग्रामीण गरीबों की आखिरी ढाल को तोड़ा: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि इस कानून को संसद में बिना उचित जांच-पड़ताल के ज़बरदस्ती पारित करा दिया गया। विपक्ष ने मांग कि बिल को स्थायी समिति को भेजा जाए, लेकिन उसे खारिज कर दी गई।

विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल, 2025 देर रात राज्यसभा से भी पास हो गया। अब इस बिल को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। इससे पहले लोकसभा ने इस विधेयक को मंजूरी दी थी। आपको बता दें, ये बिल मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) की जगह लेगा।
इस बिल को लेकर शुरू से ही विरोध कर रहे विपक्षी पार्टियों ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने एक्स पोस्ट में मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। राहुल गांधी ने लिखा कल रात मोदी सरकार ने एक ही दिन में 20 साल की MGNREGA को तबाह कर दिया।
B G RAM G, MGNREGA का कोई 'रिवैम्प' नहीं है- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि VB G RAM G, MGNREGA का कोई 'रिवैम्प' नहीं है। यह अधिकार-आधारित और मांग पर आधारित रोज़गार गारंटी को खत्म करता है और इसे दिल्ली से नियंत्रित, सीमित कोटे वाली योजना में बदल देता है। इसकी संरचना ही राज्यों और गांवों के खिलाफ है। MGNREGA ने ग्रामीण मज़दूरों को सौदेबाज़ी की ताकत दी। जब लोगों के पास वास्तविक विकल्प थे, तो शोषण और मजबूरी में होने वाला पलायन कम हुआ, मज़दूरी बढ़ी और काम की स्थितियों में सुधार आया। साथ ही ग्रामीण बुनियादी ढांचे का निर्माण और पुनर्जीवन हुआ। यही ताकत इस सरकार को तोड़नी है।
राहुल गांधी ने कहा कि काम की सीमा तय करके और काम से वंचित करने के नए रास्ते बनाकर, VB G RAM G उस एकमात्र औजार को कमजोर करता है जो ग्रामीण गरीबों के पास था। कोरोना के दौरान हमने देखा कि MGNREGA का क्या महत्व था। जब अर्थव्यवस्था ठप हो गई और आजीविकाएं खत्म हो गईं, तब इस योजना ने करोड़ों लोगों को भूख और कर्ज़ में डूबने से बचाया। इस योजना का सबसे बड़ा लाभ महिलाओं को मिला। साल-दर-साल, कुल कार्य-दिवसों में आधे से अधिक योगदान महिलाओं का रहा है। जब किसी रोज़गार योजना को राशनिंग के ज़रिए सीमित किया जाता है, तो सबसे पहले महिलाएं, दलित, आदिवासी, भूमिहीन मज़दूर और सबसे गरीब OBC समुदाय बाहर कर दिए जाते हैं।
जी राम जी विधेयक को बिना उचित विचार विमर्श के संसद में जबरदस्ती पारित करा दिया गया- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि इस कानून को संसद में बिना उचित जांच-पड़ताल के ज़बरदस्ती पारित करा दिया गया। विपक्ष ने मांग कि बिल को स्थायी समिति को भेजा जाए, लेकिन उसे खारिज कर दी गई। ग्रामीण सामाजिक अनुबंध को नए सिरे से गढ़ने वाला, करोड़ों मज़दूरों को प्रभावित करने वाला कानून बिना गंभीर समिति समीक्षा, विशेषज्ञ परामर्श और सार्वजनिक सुनवाई के कभी पारित नहीं किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी के इरादे साफ़ हैं श्रम को कमजोर करना, ग्रामीण भारत की सौदेबाज़ी शक्ति को तोड़ना, खासकर दलितों, OBC और आदिवासियों की। सत्ता का केंद्रीकरण करना और फिर इसे 'सुधार' के नाम पर पेश करना।
राहुल गांधी ने कहा कि MGNREGA दुनिया की सबसे सफल गरीबी उन्मूलन और सशक्तिकरण योजनाओं में से एक है। हम इस सरकार को ग्रामीण गरीबों की आख़िरी रक्षा-रेखा को नष्ट नहीं करने देंगे। हम मज़दूरों, पंचायतों और राज्यों के साथ खड़े रहेंगे, इस कदम को हराने के लिए देशव्यापी मोर्चा बनाएंगे और इस कानून को वापस लेने तक संघर्ष करेंगे।
MGNREGA में कटौती से गरीबों पर पड़ेगा सीधा असर, योजना खत्म होने की कगार पर: प्रियंका गांधी
उधर, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि "यह बिल बहुत गरीब लोगों के लिए बहुत नुकसानदायक होने वाला है क्योंकि ओरिजिनल MGNREGA स्कीम, जिस तरह से इसे बनाया गया था - जिसमें केंद्र सरकार 90% फंड देती थी, वह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ थी और बहुत गरीब लोगों के लिए सबसे बड़ा सहारा थी जिन्हें रोज़गार मिलने में मुश्किल होती थी। 20 सालों से, यह उन अच्छी योजनाओं में से एक रही है जो चली है और गरीब लोगों की मदद की है, खासकर उन लोगों की जिनके पास कुछ नहीं है। अब, बिल के इस नए रूप में, जब आप केंद्र सरकार के फंड से इतना ज़्यादा आवंटन कम कर देंगे, तो राज्य सरकारें इसे वहन नहीं कर पाएंगी। इसका मतलब है कि यह योजना खत्म हो जाएगी और यह बहुत नुकसानदायक होगा।
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