'मुझे बोलने नहीं देते, स्पीकर रोक देते हैं, पता नहीं क्या सोच है', लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर भड़के राहुल गांधी
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने आगे कहा, ''लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष की जगह होती है, लेकिन यहां विपक्ष की कोई जगह नहीं है। यहां केवल सरकार की जगह है।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को स्पीकर पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं जब भी लोकसभा में अपनी बात रखने के लिए खड़ा होता हूं, तो मुझे बोलने नहीं दिया जाता। मैं नहीं जानता कि सदन किस प्रकार चल रहा है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे नहीं पता कि क्या हो रहा है। मैंने उनसे अनुरोध किया कि मुझे बोलने दें लेकिन वह (स्पीकर) भाग गए। सदन चलाने का यह कोई तरीका नहीं है। स्पीकर चले गए और उन्होंने मुझे बोलने नहीं दिया।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "एक कन्वेंशन है कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने दिया जाता है। मैं जब भी खड़ा होता हूं तो मुझे बोलने नहीं दिया जाता। मेरे बारे में कुछ निराधार बातें कहीं, उन्होंने (स्पीकर) सदन को स्थगित कर दिया, इसकी कोई जरूरत नहीं थी। मैं नहीं जानता कि सदन किस प्रकार चल रहा है। यहां हम जो कहना चाहते हैं, हमें कहने नहीं दिया जाता है। मैंने कुछ नहीं किया है, मैं बिल्कुल शांति से बैठा था। मैं एक शब्द नहीं बोला। पिछले 7-8 दिन से बोलने नहीं दिया गया।''उन्होंने आगे कहा, ''लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष की जगह होती है, लेकिन यहां विपक्ष की कोई जगह नहीं है। यहां केवल सरकार की जगह है।
उस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ मेले के बारे में बोला, जिसमें मैं अपनी बात जोड़ना चाहता था। मैं कहना चाहता था कि बहुत अच्छा है, महाकुंभ मेला हुआ। मैं बेरोजगारी के बारे में कुछ कहना चाहता था। लेकिन, मुझे नहीं बोलने दिया गया। पता नहीं स्पीकर की क्या सोच और अप्रोच है। सच्चाई ये है कि हमें बोलने नहीं दिया जा रहा है।"
वहीं इस मामले पर टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, "राहुल गांधी ने सच कहा। वह हमारे विपक्ष के नेता हैं...वह सक्षम हैं और अच्छा बोलते हैं...यह पहली बार नहीं है जब उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी गई...आज भी उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी गई...यह शर्मनाक, गलत और निंदनीय है...मैं स्पीकर का सम्मान करता हूं लेकिन मुझे नहीं पता कि वह किस दबाव में हैं..."
वहीं गौरव गोगोई ने कहा, "संसदीय परंपरा हमें सिखाती है कि सदन जितना सत्ता पक्ष का है, उतना ही विपक्ष का भी है। जब भी विपक्ष, खासकर विपक्ष के नेता सदन में आते हैं और बोलना चाहते हैं, तो किसी न किसी नियम का हवाला देकर उन्हें उनके अधिकार से वंचित कर दिया जाता है। हमारी संसदीय परंपरा में विपक्ष का नेता बहुत महत्वपूर्ण पद है, लेकिन संसद में बार-बार ऐसी स्थिति बनती है कि अगर सरकार का कोई मंत्री या भाजपा का कोई सांसद है, तो उनके उठते ही माइक चालू हो जाता है...जब विपक्ष के नेता खड़े होते हैं, तो उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जाता..."
आपको बता दें, इससे पहले भी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के महाकुंभ पर दिए गए वक्तव्य पर कहा था कि मैं प्रधानमंत्री मोदी की बात का समर्थन करना चाहता था। कुंभ हमारी परंपरा है, संस्कृति है, इतिहास है। एक शिकायत थी कि प्रधानमंत्री ने, जिनकी मृत्यु हुई, उन्हें श्रद्धांजलि नहीं दी। जो युवा महाकुंभ में गए, उन्हें प्रधानमंत्री से रोजगार चाहिए और प्रधानमंत्री को उस पर भी बोलना चाहिए था। लोकतांत्रिक व्यवस्था में नेता प्रतिपक्ष को तो बोलने का मौका दिया जाना चाहिए था। लेकिन, बोलने नहीं देते हैं, यह न्यू इंडिया है।
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