कांग्रेस के चिंतन शिविर में जो चिंतन होगा, वो देश का नैरेटिव तय करेगा: अशोक गहलोत

अशोक गहलोत ने कहा कि गंभीरता से कहना चाहता हूं कि आरएसएस और बीजेपी विचारधाराओं की लड़ाई को दुश्मनी में बदल रहे हैं। सरकारें बदलती हैं, लेकिन जिस तरह से दंगे भड़काए जा रहे हैं इसके पीछे बड़ा षड्यंत्र है। 7 राज्यों में दंगे हुए इसलिए केंद्र को आगे आना चाहिए।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा है कि 13 से 15 मई तक उदयपुर में आयोजित कांग्रेस के चिंतन शिविर में जो चिंतन होगा, वह देश में एक नैरेटिव बनाएगा। देश के स्वर्णिम इतिहास के आधार पर इसमें कांग्रेस की क्या भूमिका रहेगी, इसको लेकर भी चर्चा की जाएगी।

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने दिल्ली पहुंचे अशोक गहलोत ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से मांग की है कि देश में जिस तरीके से दंगे और फसाद हो रहे हैं, उसकी एक न्यायिक जांच करवाई जाए जिससे पता चल सके कि इसके पीछे कौन है और क्या मकसद है अशांति फैलाने का? एक से अधिक राज्यों दंगे फसाद हुए हैं इसलिए इंटरस्टेट मसले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ही हस्तक्षेप कर सकता है, उनको आगे आकर इसकी जांच करानी चाहिए।

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि जोधपुर में आज तक कभी दंगे नहीं हुए। पूरा मारवाड़ एक अपनाइयत के लिए देश-दुनिया में जाना जाता है। राजस्थान में लोग शांतिप्रिय हैं, सबको साथ लेकर चलने में विश्वास करते हैं। बीजेपी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि हमने हमारी तरफ से एक अलग से कमेटी बना दी है जो हिंसा और दंगों की जांच निष्पक्षता से करेगी। मैंने प्रधानमंत्री से भी अनुरोध किया है कि उन्हें आगे आकर देश के नागरिकों से शांति बनाने के लिए अपील करनी चाहिए। एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य में जाकर के हस्तक्षेप कर रही है। राजस्थान पुलिस को दिल्ली तक आना पड़ा। देश में अजीब स्थिति बन रही है इसे रोकने की जरूरत है हम कभी नहीं चाहते कि यूपी के तरफ फेक एनकाउंटर हो।


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारा केंद्र सरकार पर आरोप है कि पूरा देश हाहाकार कर रहा है। महंगाई किस कदर बढ़ गई है। बेरोजगारी किस रफ्तार से बढ़ रही है। रोजगार मांगने वाले इतने निराश हो गए हैं कि गांव में जाकर के बैठ गए हैं। ऐसे नौजवानों में निराशा का भाव आने से कानून की स्थिति बिगड़ती है। इसलिए समय रहते केंद्र सरकार को स्थिति को ठीक करना चाहिए और यह हम सब का कर्तव्य भी है। कानून व्यवस्था जानबूझकर चौपट कर रहे हैं यह हमारा आरोप है।

वहीं अलवर की घटना पर सीएम ने कहा कि बीजेपी के बोर्ड ने ही प्रस्ताव पास करके भेजा और उसके आधार पर ही वहां से अतिक्रमण हटाया गया। ऐसे तनावपूर्ण माहौल को लंबा खींचने के लिए भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों को टारगेट देकर भेजा जाता है। हमने उनके मंसूबों को सफल नहीं होने दिया और एक भी हिंसा नहीं होने दी, यह कोई कम बात नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं गंभीरता से कहना चाहता हूं कि आरएसएस और बीजेपी के लोग विचारधाराओं की लड़ाई को दुश्मनी में बदल रहे हैं। सरकारें बदलती रहती हैं, जिस तरीके से दंगे भड़का रहे हैं इसके पीछे बड़ा षड्यंत्र है। 7 राज्यों में दंगे हुए इसलिए केंद्र सरकार को आगे आना चाहिए।


वहीं बिजली के संकट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहा कि यह 16 राज्यों का संकट है। हम भी मार्केट से बिजली खरीदते हैं। 12 रुपए यूनिट महंगी बिजली खरीद रहे हैं। हालांकि हम हमारी जनता के लिए 12 रुपए में खरीदने के लिए तैयार हैं। लेकिन मार्केट में बिजली उपलब्ध ही नहीं है। कोयले का संकट खत्म करने के लिए केंद्र सरकार को आगे आना चाहिए।

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