मिजोरम में बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति का कोई प्रभाव नहीं, कांग्रेस की शानदार वापसी तयः ललथनहावला

मिजोरम में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद संभालने वाले ललथनहावला का दावा है कि प्रदेश की जनता में सरकार के खिलाफ कोई लहर नहीं है। उनको भरोसा है कि सुशासन और राज्य में किये गए विकास के बूते कांग्रेस फिर से इस पूर्वोत्तर राज्य की सत्ता में वापसी करेगी।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर सत्ता में आने को लेकर आश्वस्त मिजोरम के मुख्यमंत्री ललथनहावला का दावा है कि इस चुनाव में भी वह बीजेपी को सत्ता से दूर रखेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के सीएम ललथनहावला ने कहा कि चुनाव में मिजोरम की जनता बीजेपी की सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति से प्रभावित नहीं होगी। उन्होंने कहा, “वे भगवा शासन में पड़ोसी राज्यों की तबाही देख रहे हैं, इसलिए सरकार के उस मॉडल को अपने राज्य में नहीं लाना चाहते हैं।”

ललथनहावला ने साफ तौर पर कहा, “राज्य में कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है। मिजोरम देश में सबसे तीव्र विकास करने वाले देशों में शुमार है और राज्य का जीडीपी राष्ट्रीय औसत से अधिक है। यहां बुनियादी ढांचा है और नौकरी है। मिजोरम पूर्वोत्तर का एकमात्र प्रदेश है, जहां शांति है। लोग यहां कांग्रेस के शासन में खुश हैं।” उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि ऐसे में भला लोग शांति क्यों भंग करेंगे।

कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा विकास की बातों पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी सरकार ने नयी जमीन उपयोग कार्यक्रम (एनएलयूपी) और नई आर्थिक विकास नीति (एनईडीपी) चलाई जिससे मिजोरम के लोगों को मालूम हो गया कि सही मायने में विकास का क्या मतलब होता है। उन्होंने कहा, "भारत में लोगों ने मोदी और अमित शाह को सिर्फ विकास की बातें करते सुना है, लेकिन मिजोरम के लोग जानते हैं कि वास्तव में विकास और समृद्धि के क्या मायने हैं।" उन्होंने कहा कि विश्व बैंक समूह और नीति आयोग द्वारा तैयार स्वास्थ्य सूचकांक में मिजोरम देश के छोटे प्रदेशों में पहले पायदान पर और सभी राज्यों में दूसरे स्थान पर है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बीजेपी और आरएसएस पर सांप्रदायिक एजेंडा चलाने का आरोप लगाते हुए 25 दिसंबर को सुशासन दिवस करने पर मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "हमारा ईसाई समुदाय बहुल राज्य है। ऐसे में जाहिर है कि त्योहार बाधित होने से लोग परेशान होते हैं। यह जानबूझकर किया गया है।" उन्होंने कहा कि पूरा देश जानता है कि बीजेपी धन-बल का इस्तेमाल कर पूर्वोत्तर की सत्ता में आई है। वे बड़े पैमाने पर लोगों की खरीद-फरोख्त में लगे हैं। उन्होंने दावा किया कि 11 दिसंबर के नतीजों में कांग्रेस 37 सीटों पर जीत दर्ज करेगी, जो 2013 के चुनाव में कांग्रेस को मिली सीटों से 3 ज्यादा है।

मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए हो रहे चुनाव में 28 नवंबर को प्रदेश के करीब 7.6 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनमें से चार लाख महिला मतदाता हैं। चुनाव मैदान में 209 उम्मीदवार हैं। चुनाव परिणामों की घोषणा 11 दिसंबर को होगी।

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