लोकसभा चुनाव में करीब 100 सीट पर हुई धांधली, बहुत जल्द सबूत के साथ करेंगे साबितः राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि अब मैं बिना किसी संदेह के कहता हूं कि हमारे पास सबूत हैं। उन्होंने कहा कि इन सबूत के आधार पर देश को दिखा दिया जाएगा कि निर्वाचन आयोग की संस्था उस तरह काम नहीं करती, जैसा उसे करना चाहिए और यह समझौते का शिकार हो चुकी है।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस के विधि, मानवाधिकार और आरटीआई विभाग द्वारा आयोजित वार्षिक विधिक सम्मेलन में दावा किया कि पिछले लोकसभा चुनाव में करीब 70 से 100 सीट पर धांधली हुई है और अगर इनमें से 15 सीट पर भी धांधली नहीं हुई होती, तो नरेन्द्र मोदी आज देश के प्रधानमंत्री नहीं होते। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में इसका सबूत दिया जाएगा कि कैसे लोकसभा चुनाव में धांधली हुई। उन्होंने इस बात को फिर से दोहराया कि कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची में हेरफेर के जो सबूत मिले हैं, वो "एटम बम" की तरह हैं।
राहुल गांधी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "आज नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री पद पर बहुत ही साधारण बहुमत के साथ हैं। हमारा मानना है कि लोकसभा चुनाव में 70, 80 या 100 सीट तक पर धांधली हुई है। यदि 15 सीट पर भी धांधली नहीं हुई होती, तो वह (मोदी) भारत के प्रधानमंत्री नहीं होते।" उन्होंने कहा, "हम अगले कुछ दिन में यह साबित करने जा रहे हैं कि एक लोकसभा चुनाव में कैसे धांधली हो सकती है और कैसे की गई।"
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “2014 से ही मुझे चुनाव प्रणाली पर संदेह है। (बीजेपी की) प्रचंड जीत हासिल करने की क्षमता आश्चर्यजनक है। महाराष्ट्र में जो हुआ, उसने मुझे इस मुद्दे को गंभीरता से लेने पर मजबूर कर दिया।” राहुल गांधी ने कहा, “मैं बिना सबूत के कुछ नहीं बोल सकता था, लेकिन अब मैं बिना किसी संदेह के कहता हूं कि हमारे पास सबूत हैं।’’ उन्होंने कहा कि इन सबूत के आधार पर देश को दिखा दिया जाएगा कि निर्वाचन आयोग की संस्था उस तरह काम नहीं करती, जैसा उसे करना चाहिए तथा यह समझौते का शिकार हो चुकी है।
कांग्रेस के शीर्ष नेता ने शुक्रवार को दावा किया था कि निर्वाचन आयोग ‘वोट चोरी’ में शामिल है और इस बारे में उनके पास ऐसा पुख्ता सबूत है, जो ‘एटम बम’ की तरह है, जिसके फटने पर आयोग को कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी। निर्वाचन आयोग ने उनके आरोपों को निराधार और निंदनीय करार दिया और कहा कि अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आयोग और उसके कर्मचारियों को धमकाना भी शुरू कर दिया है।
राहुल गांधी ने कार्यक्रम में यह भी कहा, “कल मेरी बहन ने मुझसे कहा कि मैं आग से खेल रहा हूं, और मैंने कहा कि मुझे पता है कि मैं आग से खेल रहा हूं और मैं आग से खेलना जारी रखूंगा।” उन्होंने कहा, “आखिरकार, आपमें से अधिकतर लोगों की तरह, मैं भी आग में विलीन हो जाऊंगा। मेरे परिवार ने मुझे सिखाया कि कायरों से नहीं डरना चाहिए। सबसे कायरतापूर्ण काम जो आप कर सकते हैं, वह है किसी कायर से डरना।”
उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ दल की विचारधारा काफी हद तक कायरता पर आधारित है।राहुल गांधी ने इस कार्यक्रम में यह दावा भी किया कि जब उन्होंने भूमि अधिग्रहण विधेयक में संशोधन के प्रयास का विरोध किया तो तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली को उन्हें धमकाने के लिए भेजा गया था। उन्होंने कहा कि लेकिन मैंने उनसे कहा कि शायद आप भूल गए कि आप किसे धमकी दे रहे हैं, एक कांग्रेसी किसी से नहीं डरता है।
कांग्रेस के विधि विभाग के कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाराष्ट्र में मतदाता सूचियों में कथित हेरफेर के विषय को लेकर निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह संवैधानिक संस्था प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों की कठपुतली है। उन्होंने यह दावा भी किया कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश का संविधान बदलना चाहते हैं, लेकिन जनता ऐसा नहीं होने देगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबर ने निर्वाचन आयोग पर संविधान के अनुच्छेद 320 के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘अनुच्छेद 320 भारत के चुनावों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए बनाया गया था, लेकिन इसकी शक्तियों का इस्तेमाल इसे नष्ट करने के लिए किया जा रहा है।’’ चिदंबरम ने कहा, ‘‘यदि बिहार में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान पूरे भारत में लागू हो जाए, तो करोड़ों लोग मताधिकार से वंचित रह जाएंगे। एक शोरगुल, मज़बूत और जीवंत लोकतंत्र होने के बजाय, भारत एक मौन चुनावी लोकतंत्र बनकर रह जाएगा।’’
कांग्रेस के विधि विभाग के प्रमुख अभिषेक मनु सिंघवी ने बीजेपी पर लोकतंत्र को प्रभुत्व और उसकी बहुलता को ध्रुवीकरण में बदलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत को एक आवाज, एक दल और एक विचारधारा वाला राष्ट्र नहीं बनने दिया जा सकता।