आजाद और निडर मुस्लिम महिलाओं की आवाज दबाने की कोशिश है बुली बाई ऐप, लेकिन हम सिर उठाकर बोलेंगे - सदफ जाफर

सोशल एक्टिविस्ट और कांग्रेस नेता सदफ जाफर ने बुली ऐप पर कहा है कि, "वे मुस्लिम महिलाओं को खामोश करना चाहते हैं, भले ही वे हमें जला दें लेकिन हम फिर से सामने वापस आएंगे।” उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।

फाइल फोटो - सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

बुली बाई ऐप का मामला तूल पकड़ रहा है। मुंबई पुलिस ने कल ही बेंग्लोर के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया है। इस ऐप के जरिए करीब 80 मुस्लिम महिलाओं की आनलाइन नीलामी करने की कोशिश की गई है। मामला सामने आने के बाद से ही ऐप बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई और गहन जांच की मांग जोर पकड़ रही है।

मुस्लिम महिलाओं और सोशल एक्टिविस्ट के साथ ही कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे को लेकर ट्विटर पर अपना रोष जताया है।

वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खामोशी पर सवाल उठाया है। उन्होंने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री को टैग करते हुए लिखा, “सांप्रदारियक ताकतें यौन हिंसा को हथियार की तरह इस्तेमाल करती हैं...जिन लोगों ने महिलाओं के निशाना बनाया है उन्होंने उनकी पहचान करके ऐसा किया है और ऐसे लोगों को राष्ट्रद्रोही कहा जाना चाहिए।”


कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने इस विषय में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर ऐप बनाने वालों को सजा देने की मांग की है।

आजाद और निडर मुस्लिम महिलाओं की आवाज दबाने की कोशिश है बुली बाई ऐप, लेकिन हम सिर उठाकर बोलेंगे - सदफ जाफर
आजाद और निडर मुस्लिम महिलाओं की आवाज दबाने की कोशिश है बुली बाई ऐप, लेकिन हम सिर उठाकर बोलेंगे - सदफ जाफर

उधर सीएए-एनारसी विरोधी आंदोलन में मुखर रही और उसका चेहरा बनी कांग्रेस नेता सदफ जाफर ने कहा है कि इस मामले को राजनीतिक दृष्टि से देखा जाना चाहिए। जिन महिलाओं के नाम ऐप पर डाले गए हैं उनमें सदफ जाफर का नाम भी है।

उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाकर ऑनलाइन नीलामी के लिए प्रकाशित करना न सिर्फ खुला उत्पीड़न है बल्कि यह उस गहरी नफरत का नतीजा है जिसमें योग्य, मुखर और स्वतंत्र अल्पसंख्यक आवाज़ों को हिंदू ताकतों द्वारा कुचलने की कोशिश की जाती है। सदफ जाफर ने इस घटना मुस्लिम महिलाओं का अमानवीयकरण करने की कोशिश करार देते हुए कहा कि इसे हाल ही में हरिद्वार में हुए हेट कॉन्क्लेव से जोड़कर देखा जाना चाहिए जहां स्वंयभू संत नरसिंहानंद और अन्य लोगों ने मुस्लिमों के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक भाषण दिए थे।

उन्होंने सवाल किया कि “आखिर वे हमें क्यों निशाना बना रहे हैं? क्योंकि हमने अपने अधिकारों के लिए विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने ऐसी महिलाओं का प्रोफाइल बनाया है जो सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन और शाहीन बाग में मुखर रही तीं। वे (बीजेपी सरकार) हमें एक राजनीतिक चुनौती के रूप में देखती है।“


सदफ जाफर ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर हमला करते हुए कहा कि असामाजिक तत्वों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, “इस ऐप के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन ऐप तो मात्र एक नमूना भर है। इसके पीछे असली दिमाग कहीं और है। यह किसी एक व्यक्ति के दिमाग की उपज नहीं हो सकती। वे मुस्लिम महिलाओं को खामोश करना चाहते हैं, भले ही वे हमें जला दें लेकिन हम फिर से सामने वापस आएंगे।” उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।

सदफ ने ऐप पर अपना प्रोफाइल देखने के बाद हुई यातना और प्रताड़ना का जिक्र करते हुए कहा कि, “मुझे यह सब देखकर दो दिन तक बेचैनी रही...मैं उठ भी नहीं पा रही थी। जब मैंने देखा कि मेरी पार्टी भी मेरे साथ है तो मैंने अपने आपको संभाला। मेरे नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने इस घटना की सख्त से सख्त लहजे में आलोचना की है।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि, “बहुत सी महिलाएं इस मामले में खामोश रहीं, लेकिन मैं चुप नहीं रहूंगी। अगर मैं अपने अधिकारों के लिए नहीं बोलती तो कौन बोलेगा? मैं लड़की हूं, लड़ सकती हूं।”

बुली ऐप का वाद नए साल की शुरुआत के साथ ही सामने आया था जिसमें कई मुस्लिम महिलाओं के प्रोफाइल (विशेष तौर पर उनके जो सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहती हैं) को ऐप पर डालकर नीलामी के लिए अपलोड किया गया था। इस ऐप को गिटहब नाम का प्लेटफॉर्म होस्ट करता है। विवाद के सामने आने के बाद से गिटहब ने इस ऐप को ब्लॉक कर दिया है। इस बीच उत्तराखंड से एक महिला को भी इसी सिलसिले में मुंबई पुलिस ने हिरासत में लिया है।

इस ऐप पर जिन महिलाओं को निशाना बनाया गया उनमें पत्रकार, एक्टिविस्ट, वकील, मोदी सरकारी आलोचना करने वाली महिलाएं शामिल हैं। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक इस ऐप को सुली डील्स की क्लोनिंग करके बनाया गया लगता है। सुली डील्स ने भी पिछले साल विवाद खड़ा कर दिया था। सुली अंग्रेजी में एक टर्म है जिसमें दक्षिणपंथी ट्रॉल्स मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ इस्तेमाल करते रहे हैं। इस ऐप को भी गिटहब ही होस्ट करता था।


इस मामले पर शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सरकार से अपील की है कि इस प्लेटफॉर्म के खिलाफ क्रैकडाउन किया जाए और दोषियों को सजा दी जाए। इस बीच दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को एक नोटिस जारी कर कमीशन के सामने पेश होने को कहा है। गौरतलब है कि शिकायत दिए जाने के बावजूद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की। दिल्ली महिला आयोग की स्वाति मालीवाल ने इस मामले में दिल्ली पुलिस को फटकार भी लगाई है।

इस बीच केंद्रीय सूचना तकनीक (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि इस ऐप के पीछे गिटहब के यूजर्स हैं जिन्हें ब्लॉक कर दिया गया है और आगे की कार्यवाही की जाएगी।

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