यूपी के हजारों किसानों को पुलिस ने नोएडा में रोका, संसद मार्च पर अड़े अन्नदाता, बोले- MP-MLA हमारी नहीं सुनते

जैसे ही अपनी मांगों को लेकर किसान महामाया फ्लाईओवर से आगे बढ़े, जिन्हें नोएडा जाने वाली सेक्टर-18 फ्लाईओवर से ठीक पहले दलित प्रेरणा स्थल के मेन गेट पर हैवी बैरिकेडिंग करके बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस बल ने रोक दिया है।

किसान संसद मार्च पर अड़े।
किसान संसद मार्च पर अड़े।
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के हजारों किसान संसद की ओर मार्च कर रहे हैं। पहले पुलिस ने दिल्ली-नोएडा चिल्ला बॉर्डर पर किसानों को रोक रखा था। लेकिन किसान यहां बैरिकेड तोड़कर आगे निकल गए। अब किसानों को पुलिस ने नोएडा में रोक दिया है।

हजारों किसान संसद मार्च करने पर अड़े

अपनी मांगों को लेकर किसान महामाया फ्लाईओवर से आगे बढ़े, जिन्हें नोएडा जाने वाली सेक्टर-18 फ्लाईओवर से ठीक पहले दलित प्रेरणा स्थल के मेन गेट पर हैवी बैरिकेडिंग करके बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस बल ने रोक दिया है। किसान भी धरने पर बैठ गए हैं और दिल्ली जाने की मांग पर अड़े हैं।

महामाया फ्लाईओवर बंद किया गया

जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारी लगातार किसानों से बातचीत कर समझाने का प्रयास कर रहे हैं। इस दौरान ग्रेटर नोएडा से नोएडा आने वाले रास्ते को पूरी तरीके से महामाया फ्लाईओवर के बाद बंद कर दिया गया है। सभी गाड़ियों को कालिंदी कुंज की तरफ से डायवर्ट कर दिया गया है।

फिलहाल किसानों को दलित प्रेरणा स्थल के मेन गेट पर ही पूरी तरीके से रोक दिया गया है और आगे जाने की गुंजाइश कम दिखती नजर आ रही है। पुलिस ने इस रोड को ट्रक और बैरिकेड के जरिए पूरी तरीके से ब्लॉक कर दिया है।


किसानों की मांग क्या है?

दिसंबर 2023 से नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहीत अपनी जमीनों के बदले बढ़ा हुआ मुआवजा और भूखंड देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसानों का आरोप क्या है?

किसानों के मुताबिक, प्राधिकरण उनकी परेशानियों को गंभीरता से नहीं ले रहा है। धरना प्रदर्शन में मौजूद किसानों का कहना है कि लगातार उनके साथ धोखेबाजी की जा रही है, उन्हें जो आश्वासन दिए जा रहे हैं, उन्हें पूरा नहीं किया जा रहा है और अपनी मांगों को लेकर वह कई दिनों से लगातार धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं। किसानों ने कहा कि जिले के विधायक, सांसद और जनता के प्रतिनिधि भी उनकी बात को सुनकर सिर्फ आश्वासन देते हैं और कोई हल नहीं निकालते।

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