योगी सरकार में कैराना में पुलिस के उत्पीड़न के खिलाफ हल्ला-बोल, सड़क पर उतर कर हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन

कैराना के विधायक नाहिद हसन के अनुसार स्थानीय पुलिस लगातार एक खास पक्ष का उत्पीड़न कर रही थी। थाना में पीड़ित की भी नही सुनी जा रही थी। कई बार पीड़ित को पीटकर थाने में बंद कर दिया गया। दो महिलाओं की भी पिटाई की गई।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
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आस मोहम्मद कैफ

कैराना पुलिस पर रुपए लेकर पीड़ित को छोड़ने और पीड़ित व्यक्तियों को अवैध तरीके से हिरासत में रखने गंभीर आरोपों के बीच आज कैराना की जनता का गुस्सा पुलिस के खिलाफ फुट पड़ा और स्थानीय विधायक नाहिद हसन के नेतृत्व में हजारों की संख्या में नाराज लोग सड़क पर उतर गए। एक ही दिन में इतनी बड़ी संख्या में लोगों के सड़कों पर उतरने से पुलिस प्रशासन हलकान हो गया और कैराना में प्रवेश के तमाम रास्तों पर पुलिस ने बेरिकेड्स लगा दिए। घण्टों चले इस हाईवोल्टेज ड्रामा के बाद जिला प्रशासन ने जनता को भरोसा दिया कि अब थाना पुलिस किसी बेगुनाह का परेशान नहीं होने देगी।

कैराना के विधायक नाहिद हसन के अनुसार स्थानीय पुलिस लगातार एक खास पक्ष का उत्पीड़न कर रही थी। थाना में पीड़ित की भी नही सुनी जा रही थी। कई बार पीड़ित को पीटकर थाने में बंद कर दिया गया। दो महिलाओं की भी पिटाई की गई। कैराना में इस समय प्रेमवीर सिंह राणा थाना प्रभारी है वो काफी विवादों में रहे हैं। सहारनपुर के रामपुर मनिहारान में तैनाती के समय उन्होंने नमाज़ियों पर गोली चला दी थी और बिजनोर अफजलगढ़ में तैनाती के दौरान थाने को भगवे रंग रंगवा दिया था।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
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मामले की शुरूआत चार दिन पहले हुई थी जब कैराना विधायक नाहिद हसन एक पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए कैराना कोतवाली पहुंचे थे। जहां उन्होंने कैराना पुलिस पर अवैध वसूली करने सहित पीड़ित व्यक्तियों को अवैध तरीके से हिरासत में रखने का आरोप लगाया था। इस दौरान विधायक और कैराना कोतवाली प्रभारी प्रेमवीर राणा के साथ तीखी नोंकझोंक भी हुई थी। इस दौरान उन्होंने जन प्रतिनिधि के साथ कैराना पुलिस पर अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए 2 नवंबर को जेल भरो आन्दोलन करने की घोषणा करते हुए पुलिस के शोषण के खिलाफ कोर्ट से महिला आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक लड़ाई लड़ने की चेतावनी दी थी। विधायक के आन्दोलन को देखते हुए जिला प्रशासन ने जिले में त्यौहारों का हवाले देते हुए धारा 144 लागू कर दी थी और विधायक को किसी भी प्रकार के आन्दोलन की अनुमति नहीं दी गई। पूर्व में घोषित जेल भरो आन्दोलन के चलते सोमवार को हजारों की संख्या में उनके समर्थक आवास पर पहुंच गए। जहां उन्होंने विधायक नाहिद हसन के समर्थन में नारेबाजी की भी और कैराना पुलिस पर पीडितों का शोषण करने का आरोप लगाया। भीड़ को बढ़ता देख पुलिस के हाथ पाव फूल गए और विधायक के घर के बाहर स्थित गली में बैरिकेटिंग करते हुए समर्थकों को आगे जाने से रोका गया।

इस दौरान नाहिद हसन ने कहा कि कैराना पुलिस द्वारा लगातार दलितों, मजलूमों और अल्पसंख्यकों का शोषण किया जा रहा है। जिसको लेकर वह कैराना कोतवाली गए थे, लेकिन पुलिस का रवैया देख वह हैरान है।

इस दौरान उन्होंने पूर्व सांसद तबस्सुम हसन को साथ लेकर प्रदेश के राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम कैराना को सौंपा। जिसमें उन्होंने कई बिन्दुओं पर जानकारी देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की। नाहिद हसन ने बताया कि 27 अक्टूबर को गांव जहानपुरा निवासी राशिद पुत्र यामीन को पकड़कर हवालात में बंद किया गया, लेकिन बाद में 20 हजार रुपये लेकर छोड़ दिया गया। यही नहीं उसी दिन कस्बा ऊन से कैराना में शाकिर पुत्र शकील निवासी मौहल्ला अंसारियान के रिश्तेदारों के यहां आई बारात में हुई मारपीट के बाद शिकायत लेकर पहुंचे शाकिर को ही उल्टा हिरासत में लिया गया। गत 25 अक्टूबर को गांव मन्ना माजरा निवासी रहीसा के घर में घुसकर महिला को उठाया गया और हवालात में बंद किया गया। परिवार की आसमा को उठाकर पुलिस द्वारा मारपीट की गई, जिसमें हाथ में फेक्चर भी आया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता के उत्पीडन को लेकर उन्होंने कई बार कोतवाली प्रभारी प्रेमवीर राणा से बातचीत की, लेकिन निरीक्षक द्वारा जनता का उत्पीडन पहले की तरह जारी रहा। मजबूर होकर पीड़ित व्यक्तियों के साथ गत 29 अक्टूबर को पीडितों को लेकर कैराना कोतवाली निरीक्षक से वार्ता करने के लिए कोतवाली कैराना पहुंचे। सूचना भिजवाने के बहुत देर बाद कोतवाली प्रभारी अपने आवास में अनुचित हाव-भाव का प्रदर्शन करते हुए अपने कार्यालय पहुंचे, जहां आते ही बेहद क्रोधित अवस्था में अर्मयादित भाषा का प्रयोग करते हुए बाहर बुलाकर कहा, इसी प्रकार से गलत कार्य होंगे। ज्यादा बोलने पर जेल भेजा जायेगा।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
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उन्होंने कहा कि इस दौरान बार बार अर्मयादित भाषा का प्रयोग किया गया और लोगों को उत्तेजित करने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि प्रेमवीर राणा द्वारा न केवल पीडितों को धमका गया बल्कि विधानसभा सदस्य होने के नाते प्राप्त विशेष अधिकारों का भी उल्लंघन किया गया।

तनाव पूर्ण माहौल को देखते हुए ऐहतियात के तौर पर सहारनपुर मंडल के सहारनपुर और मुजफ्फरनगर जनपदों के विभिन्न थानों से अतिरिक्त पुलिस बल मंगाया गया था। पुलिस को लेकर स्थानीय लोगों में बहुत गुस्सा था। भीड़ जमकर नारेबाजी करती रही। कई बार शोर शराबे के चलते पुलिस को भी असहज महसूस होना पडा। कई घंटे तक चले सिलसिले के बाद विधायक नाहिद हसन अपने वालिदा पूर्व सांसद तबस्सुम हसन के साथ चबूतरे पर पहुंचे उच्च अधिकारियों से बात की।

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