जोशीमठ में फिर खतरे की घंटी, सिंहधार और नृसिंह मंदिर के बीच फूटी पानी की धार, दहशत में आए लोग

जोशीमठ में एक तरफ जहां भू-धंसाव से प्राकृतिक जलस्रोत सूख रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ यहां अलग-अलग जगह से भूमिगत जल बाहर आ रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जोशीमठ में अभी भी बड़ी भूगर्भीय हलचल हो रही है, जो आने वाले समय में खतरनाक हो सकती है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

उत्तराखंड के जोशीमठ में एक बार फिर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। जेपी कंपनी के पास हो रहे जल रिसाव का स्तर भले ही कम हो गया हो, लेकिन सिंहधार और नृसिंह मंदिर के बीच बदरीनाथ हाईवे के किनारे अचानक जमीन के अंदर से पानी की धार फूट कर बहने लगी, जिससे लोग दहशत में आ गए हैं।

जमीन के नीचे से निकल रहे मटमैले पानी को देखकर लोग एक बार फिर दहशत में आ गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अपने जीवन काल में पहली बार उन्होंने इतनी ज्यादा मात्रा में इस स्थान पर पानी बहते देखा है। वहीं, जिला प्रशासन का कहना है कि जोशीमठ में तैनात भूगर्भीय विशेषज्ञों द्वारा मामले की जांच की जा रही है।


खास बात यह है कि जोशीमठ में एक तरफ जहां भू-धंसाव से प्राकृतिक जलस्रोत सूख रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ जोशीमठ में ही अलग-अलग जगह से भूमिगत जल बाहर आ रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जोशीमठ में अभी भी बड़ी भूगर्भीय हलचल हो रही है, जो आने वाले समय में खतरनाक हो सकती है।

जोशीमठ की उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी ने बताया कि जोशीमठ में नृसिंह मंदिर के पास जमीन से पानी की नई जलधारा देखी गई है। जोशीमठ में तैनात भूगर्भीय विशेषज्ञों द्वारा घटना की जांच की जा रही है। इस बीच उत्तराखंड सरकार ने स्पष्ट करते हुए कहा कि जोशीमठ भूधंसाव को लेकर अध्ययन रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय होगा कि कितना क्षेत्र असुरक्षित है। उसी आधार पर इलाके में पुनर्निर्माण कार्य किए जाएंगे।

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