नोटबंदी के तीन साल- राहुल गांधी ने बताया ‘टेरर अटैक’, प्रियंका बोलीं- ‘तुगलकी’ कदम की अब कौन लेगा जिम्मेदारी?

प्रियंका गांधी ने कहा कि नोटबंदी को तीन साल हो गए। सरकार और इसके नीम-हकीमों द्वारा किए गए ‘नोटबंदी सारी बीमारियों का शर्तिया इलाज’ के सारे दावे एक-एक करके धराशायी हो गए। नोटबंदी एक आपदा थी जिसने हमारी अर्थव्यवस्था नष्ट कर दी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

नोटबंदी के तीन साल पूरे होने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने नोटबंदी को आतंकी हमला बताया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “नोटबंदी ‘टेरर अटैक’ के बाद यह तीसरा साल है, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया। कई लोगों की जान ले ली, लाखों छोटे व्यवसायों को मिटा दिया और लाखों भारतीयों को बेरोजगार कर दिया। इस हमले के पीछे जो भी लोग हैं उन्हें अभी सजा मिलना बाकी है।”

नोटबंदी के तीन साल पूरे होने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, “नोटबंदी को तीन साल हो गए। सरकार और इसके नीम-हकीमों द्वारा किए गए ‘नोटबंदी सारी बीमारियों का शर्तिया इलाज’ के सारे दावे एक-एक करके धराशायी हो गए। नोटबंदी एक आपदा थी जिसने हमारी अर्थव्यवस्था नष्ट कर दी। इस ‘तुगलकी’ कदम की जिम्मेदारी अब कौन लेगा?”


वहीं, कांग्रेस पार्टी ने भी कई ट्वीट कर मोदी सरकार द्वारा तीन साल पहले लिए गए नोटबंदी के फैसले पर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस ने ट्वीट किया, “नोटबंदी में नकली मुद्रा को खत्म करने के बड़े-बड़े दावे किए गए थे। मगर, नकली मुद्रा खत्म होना तो दूर, उल्टे बढ़ती ही गई। जब बिना सोचे-समझे नीतियां लागू होंगी, तो उनकी विफलता निश्चित है।”

एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस ने कहा, “नोटबंदी के पीछे दिया गया डिजिटल अर्थव्यवस्था का तुक पूरी तरह बेतुका साबित हुआ। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि इस फैसले के पीछे ‘साफ नीयत’ का पूरी तरह अभाव था।”


बीएसपी प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा, “बीजेपी की केन्द्र सरकार द्वारा बिना पूरी तैयारी के जल्दबाजी और अपरिपक्व तरीके से किए गए नोटबंदी का दुष्परिणाम पिछले 3 सालों में विभिन्न रूपों में जनता के सामने लगातार आ रहा है, बल्कि देश में बढ़ती बेरोजगारी और बिगड़ती आर्थिक स्थिति इसी का मुख्य कारण है जिसपर जनता की पैनी नजर है।”

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