आखिर हो गई बृजभूषण शरण सिंह की छुट्टी, कर्नाटक चुनाव नतीजे के शोर में ओलंपिक संघ ने छीने WFI के सारे अधिकार

महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्लूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की छुट्टी हो गई है। उनके साथ ही फेडरेशन के सभी पदाधिकारियों के महासंघ के किसी भी प्रशासनिक समारोह में हिस्सा लेने और आर्थिक कामकाज पर रोक लगा दी।

बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (फोटो - Getty Images)
बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (फोटो - Getty Images)
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नवजीवन डेस्क

कर्नाटक चुनावों में बीजेपी की हार होते ही पार्टी के विवादित सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को उनके पद से हटा दिया गया है। 13 मई 2023 को बृजभूषण शरण सिंह तकनीकी रूप से रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रमुख नहीं रहे। भारतीय ओलंपिक संघ ने शनिवार 13 मई को रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के सभी निवर्तमान पदाधिकारियों के तत्काल प्रभाव से महासंघ के किसी भी प्रशासनिक समारोह में हिस्सा लेने और आर्थिक कामकाज पर रोक लगा दी।

ओलंपिक संघ के फैसले को जंतर-मंतर पर देश के शीर्ष पहलवानों के धरने के मद्देनजर अहम माना जा रहा है। ओलंपिक संघ ने इस बाबत जारी बयान में खेल मंत्रालय के 24 अप्रैल 2023 के दिए आदेश का हवाला दिया गया है। आईओए ने कुश्ती महासंघ से सभी दस्तावेज, खातों और विदेश में होने वाली या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए भेजी जाने वाली एंट्री का लॉगिन, वेबसाइट संचालन तत्काल सौंपने को कहा है। खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ के चुनाव को अवैध (कानूनन अमान्य) घोषित कर दिया था।

खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक संघ की अस्थायी समिति को महासंघ के चुनाव कराने और उसके संचालन का जिम्मा भी सौंप दिया था। आईओए का यह फैसला ऐसे समय आया है, जिस दिन कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आए।

ओलंपिक संघ ने बयान में कहा है कि आईओए तदर्थ समिति ने पहले ही काम करना शुरू कर दिया है। यह स्पष्ट किया जाता है कि आईओए की ओर से नियुक्त तदर्थ समिति खेल संहिता के तहत राष्ट्रीय खेल महासंघ के सभी कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाएगी। तदर्थ समिति के अस्तित्व में आने के साथ ही कुश्ती महासंघ के निवर्तमान पदाधिकारियों की महासंघ के किसी भी काम (प्रशासनिक, आर्थिक मामलों या अन्य) में कोई भूमिका नहीं होगी।

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