तिरुपति भगदड़ में जीवित बचे पीड़ित ने भयावह मंजर को याद कर कहा- पांच मिनट के लिए लगा हम अब जिंदा नहीं बचेंगे
तिरुपति भगदड़ में जीवित बची एक पीड़ित ने कहा कि पांच मिनट तक उन्हें ऐसा लगा मानो अब जिंदा नहीं बचेंगे।

तिरुपति में बुधवार को हुई भीषण भगदड़ में जीवित बचे लोग जब इस भयावह मंजर को याद कर इसका जिक्र करते हैं तो उनकी आंखों में घटना का खौफ साफ नजर आता है। घटना में जीवित बची एक पीड़ित ने कहा कि पांच मिनट तक उन्हें ऐसा लगा मानो अब जिंदा नहीं बचेंगे।
कांग्रेस की आंध्र प्रदेश इकाई ने भगवान वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करने वाली तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
श्रद्धालुओं की शिकायतों में वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टिकट पाने के लिए घंटों इंतजार करने से लेकर अचानक द्वार खुलने के कारण भीड़ के आगे बढ़ने तक शामिल थी।
डी. वेंकट लक्ष्मी ने बुधवार रात एक स्थानीय समाचार चैनल से कहा, ‘‘पांच मिनट के लिए तो ऐसा लगा कि मानो हम सब जिंदा नहीं बचेंगे। मैं पिछले 25 वर्षों से मंदिर में आ रही हूं और ऐसा कभी नहीं हुआ।’’ उन्होंने कहा कि छह लड़कों ने उन्हें एक तरफ खींचा और पीने के लिए पानी दिया। लक्ष्मी के अनुसार, लोग आगे बढ़े और जहां वह खड़ी थीं वहां बहुत से लोग गिर पड़े।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं शोर मचा रही थी कि मैं एक तरफ गिर रही हूं, लेकिन लोग पीछे से दौड़ रहे थे और उन्हें काबू में नहीं किया जा सका। मुझे नहीं पता कि वे आगे बढ़ रहे थे या नहीं, लेकिन वे लोग बेकाबू हो गए थे। लोग श्रद्धालुओं के ऊपर से गुजर रहे थे। मैं काफी देर तक सांस भी नहीं ले पाई।’’
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, अगर पुलिस ने श्रद्धालुओं को व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ने दिया होता तो इस घटना को टाला जा सकता था। उन्होंने कहा कि लोग समझ नहीं पा रहे थे कि क्या हो रहा है।
एक अन्य श्रद्धालु ने बताया कि वह बुधवार को पूर्वाह्न 11 बजे आई थीं और शाम सात बजे द्वार खोला गया। उन्होंने कहा, ‘‘एक व्यक्ति ने श्रद्धालुओं से कहा कि वे जल्दबाजी न करें और कतार में लगें, लेकिन कौन सुनता है? पुलिस बाहर थी, अंदर नहीं।’’
एक पुरुष श्रद्धालु ने जोर देकर कहा कि पुलिस को 5,000 श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बारे में बताया गया था। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने अचानक गेट खोल दिया, जिसके कारण भगदड़ मच गई।
गौरतलब है कि तिरुमला पर्वतीय क्षेत्र में स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में बुधवार रात को वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टिकट लेने के दौरान मची भगदड़ में कम से कम छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 से अधिक लोग घायल हो गए। वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए सैकड़ों लोग टिकट पाने की कोशिश कर रहे थे। देश भर से सैकड़ों श्रद्धालु 10 जनवरी से शुरू हुए 10 दिवसीय वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए पहुंचे हैं।
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